क्या ममता बनर्जी की सरकार आग से खेल रही है और कांग्रेस को नीचा दिखा रही है?
सारांश
Key Takeaways
- राष्ट्रपति पुतिन की यात्रा के दौरान विवादित भोज में राहुल गांधी को आमंत्रित नहीं किया गया।
- संजय निरुपम ने इसे कांग्रेस की छोटी सोच का प्रमाण बताया।
- टीएमसी नेता हुमायूं कबीर द्वारा मस्जिद की नींव रखी गई।
- संजय निरुपम ने राम मंदिर के निर्माण को महत्वपूर्ण बताया।
- उन्होंने कांग्रेस को श्रीमद्भगवद्गीता का अपमान न करने की सलाह दी।
मुंबई, 6 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रपति पुतिन की भारत यात्रा के दौरान राष्ट्रपति भवन में आयोजित डिनर में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को आमंत्रित न किए जाने से विवाद खड़ा हो गया है। इस पर शिवसेना प्रवक्ता संजय निरुपम ने कहा कि जो इस पर बवाल मचा रहे हैं, वह उनकी छोटी सोच का प्रमाण है।
संजय निरुपम ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि रूस के राष्ट्रपति के सम्मान में राजकीय भोज का आयोजन किया गया था। सरकार यह तय करती है कि इस भोज में कौन लोग शामिल होंगे। सरकार ने भारतीय संसद की विदेश मामलों की स्थायी समिति के प्रमुख डॉ. शशि थरूर को आमंत्रित किया था। कांग्रेस का इस पर बवाल मचाना उनकी छोटी सोच का उदाहरण है। शशि थरूर केवल संसद के प्रमुख नहीं, बल्कि एक प्रसिद्ध डिप्लोमैट भी हैं।
उन्होंने आगे कहा कि शशि थरूर का यूएन में वर्षों का अनुभव है। वे भारत का एक प्रमुख चेहरा हैं। उन्हें आमंत्रित करना एक अच्छा निर्णय है। संजय निरुपम ने कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए कहा कि जिस तरह से कांग्रेस उत्पात मचा रही है, वह खुद को नीचा दिखा रही है।
मुर्शिदाबाद में टीएमसी नेता हुमायूं कबीर द्वारा मस्जिद की नींव रखे जाने पर संजय निरुपम ने कहा कि टीएमसी के असंतुष्ट नेता, टीएमसी के कहने पर ही बाबरी मस्जिद की बुनियाद रख रहे हैं। ममता बनर्जी और उनकी सरकार आग से खेल रही है। यह देश भगवान राम का देश है और इसलिए भगवान राम का दिव्य मंदिर बनाना हर व्यक्ति का कर्तव्य है।
उन्होंने यह भी कहा कि राम मंदिर के जवाब में भारत पर हमला करने वाले बाबर के नाम पर मस्जिद बनाने की बात करने पर बड़ा हंगामा होगा। हिंदू-मुस्लिम विवाद बढ़ेगा और इसमें मुख्यमंत्री और उनकी पार्टी जलकर राख हो जाएगी। उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री से अपील की है कि हुमायूं कबीर ने जो शुरू किया है, उसे तुरंत रोका जाए।
रूस के राष्ट्रपति को प्रधानमंत्री मोदी द्वारा गीता की प्रति भेंट किए जाने पर संजय निरुपम ने कहा कि गीता भारतीय संस्कृति का एक अभिन्न हिस्सा है। यह 5,000 साल पुरानी हिंदू परंपरा का आधार है। जब कोई विदेशी राष्ट्राध्यक्ष हिंदुस्तान आए और उन्हें प्रधानमंत्री द्वारा गीता भेंट की जाए, तो इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता।
उन्होंने कहा कि कुरान एक मजहब का धर्मग्रंथ हो सकता है, लेकिन यह भारतीय संस्कृति का हिस्सा नहीं हो सकता। इसलिए श्रीमद्भगवद्गीता का अपमान न करें। कांग्रेस को श्रीमद्भगवद्गीता को कम आंकने का दुस्साहस नहीं करना चाहिए।