क्या ममता बनर्जी संविधान की बातें कर रही हैं, जबकि सरकार तानाशाही से चला रही है?
सारांश
Key Takeaways
- एसआईआर प्रक्रिया को लेकर सियासत गरम है।
- ममता बनर्जी पर आरोप है कि वे संविधान की केवल बातें करती हैं।
- भाजपा के नेताओं का मानना है कि पुलिस सरकार की कठपुतली बनी हुई है।
रांची, 26 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। देश के 12 राज्यों में चल रही एसआईआर प्रक्रिया को लेकर सियासत का दौर जारी है। भाजपा के नेता प्रतुल शाह देव ने एसआईआर का समर्थन करते हुए कहा कि यह देश के लिए आवश्यक है और इसे भारतीय निर्वाचन आयोग द्वारा लागू किया जा रहा है, न कि किसी राजनीतिक पार्टी द्वारा।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हमला करते हुए प्रतुल शाह देव ने कहा, "जब से पश्चिम बंगाल में एसआईआर की प्रक्रिया शुरू हुई है, तब से वह शोर मचा रही हैं। एसआईआर एक संवैधानिक जिम्मेदारी है। ममता बनर्जी केवल संविधान की बातें करती हैं, लेकिन उनकी सरकार तानाशाह की तरह चल रही है।"
उन्होंने आगे कहा कि पश्चिम बंगाल में पुलिस भी सरकार की कठपुतली बन गई है। संविधान की बातें तो की जाती हैं, लेकिन उनका पालन नहीं होता। ममता बनर्जी को यह देखना चाहिए कि पश्चिम बंगाल आज किस स्थिति में है। जनता की समस्याओं को सुनने वाला कोई नहीं है। वहां केवल संविधान का गला घोंटने का प्रयास हो रहा है।
भाजपा के राज्यसभा सदस्य बृजलाल ने भी कहा, "ममता बनर्जी हमेशा पश्चिम बंगाल में बांग्लादेशियों की वजह से चुनाव जीतती थीं। अब जब वे भाग रहे हैं, तो उन्हें परेशानी हो रही है और वह शोर मचा रही हैं। मैंने पश्चिम बंगाल के चुनाव देखे हैं, जहां भाजपा कार्यकर्ताओं के घरों के बाहर सफेद साड़ी, फूल, मिठाई और नारियल रखकर चेतावनी दी जाती है कि अगर भाजपा को वोट दिया तो विधवा हो जाओगी। अब एसआईआर लागू होने से वह घबरा गई हैं।"
bृजलाल ने यह भी कहा कि किसी ने नहीं सोचा था कि एक महिला मुख्यमंत्री इस तरह का कार्य करेंगी, अब उन्हें भी पता चल गया है कि इस बार वे सत्ता से बाहर जा रही हैं और उन्हें बचाने के लिए बांग्लादेशी नहीं आने वाले हैं।
उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा कि अबकी बार पश्चिम बंगाल उनके हाथ से जा रहा है। वहां कमल खिलने वाला है, इसके लिए जनता ने भी मन बना लिया है। आने वाले समय में इसका परिणाम सभी को देखने को मिलेगा।
उन्होंने कहा कि अब विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं बचा है, इसीलिए एसआईआर में बीएलओ को आगे लाकर राजनीति कर रहे हैं, लेकिन उन्हें यह नहीं पता कि अब उनके बहकावे में कोई नहीं आने वाला है। सच्चाई सबको पता चल गई है।
भाजपा नेता अशोक परनामी ने कहा, "ममता बनर्जी और कांग्रेस एसआईआर से बेवजह परेशान हैं। भारत में मतदान का अधिकार केवल भारतीय नागरिकों को है, न कि किसी घुसपैठिए को। एसआईआर के माध्यम से इन घुसपैठियों को देश से निकाला जा रहा है, इसी वजह से विपक्ष को परेशानी हो रही है।