क्या शिक्षण संस्थानों में ममता भ्रष्टाचार के बीज बो रही हैं, कोर्ट भी जा सकते हैं : राहुल सिन्हा?

सारांश
Key Takeaways
- भ्रष्टाचार का स्पष्ट संकेत
- शिक्षण संस्थानों में नियमों का उल्लंघन
- कानूनी कार्रवाई की तैयारी
- बांग्लादेश से संबंधों पर चिंता
- सतर्क रहने की अपील
कोलकाता, 24 जून (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय जनता पार्टी के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने एक ट्वीट में कहा है कि ममता बनर्जी द्वारा लिखी गई किताब को स्कूलों में जबरदस्ती डाला जा रहा है। इस ट्वीट के बाद सियासी हलचल तेज हो गई है। इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा नेता राहुल सिन्हा ने पुरजोर विरोध किया है। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी की किताब को स्कूलों में जबरदस्ती डालने के मामले को लेकर वे कोर्ट का सहारा लेंगे।
राहुल सिन्हा ने कहा, "यह स्पष्ट है कि भ्रष्टाचार और शक्ति का दुरुपयोग किस प्रकार हो रहा है। ममता बनर्जी की किताब को स्कूलों में लागू करने की कोशिश की जा रही है। हम इस अनुचित आदेश का पुरजोर विरोध करते हैं। ऐसा करके ममता बनर्जी शिक्षण संस्थानों में भ्रष्टाचार के बीज बो रही हैं और अपनी किताब को थोपकर स्कूल के सभी नियमों का उल्लंघन कर रही हैं। यदि आवश्यक हुआ तो हम इस मामले को कोर्ट में ले जाएंगे।"
वहीं, आपातकाल के 50 वर्षों के पूर्ण होने पर उनसे संबंधित सभी कानूनी दस्तावेजों और घटनाओं के संग्रह की बात पर उन्होंने कहा कि आपातकाल के नाम पर देश और जनता पर अत्याचार किए गए। आज की पीढ़ी को यह नहीं पता है कि आपातकाल के दौरान किस प्रकार दमन की नीति लागू की गई थी। इंदिरा गांधी की सरकार ने आपातकाल के नाम पर जनता पर अत्याचार किया, यह जानना आवश्यक है। इस काले दिन के सभी दस्तावेजों को संग्रह कर एक म्यूजियम में रखना चाहिए, यह सराहनीय है।
ममता बनर्जी के बांग्लादेश हाई कमीशन के प्रतिनिधियों से मिलने के सवाल पर सिन्हा ने कहा, "बांग्लादेश में सरकार एक खास तरीके से कार्य कर रही है और ममता बनर्जी भी वही कर रही हैं। इसलिए जब दोनों एक साथ आएंगे तो इससे हिंदुओं के लिए और भी ज्यादा खतरा पैदा होगा। हम लोगों से फिर से आग्रह कर रहे हैं कि वे सतर्क रहें। पश्चिम बंगाल को बांग्लादेश बनाने की साजिश सफल नहीं होगी, पश्चिम बंगाल ही रहेगा।"