क्या मंदिर में दीप जलाने में कुछ गलत है? जस्टिस स्वामीनाथन के खिलाफ महाभियोग पर भाजपा सांसद का विपक्ष को जवाब
सारांश
Key Takeaways
- महाभियोग नोटिस का राजनीतिक संदर्भ महत्वपूर्ण है।
- जस्टिस स्वामीनाथन का निर्णय चुनावी ध्रुवीकरण से जुड़ा है।
- एसआईआर चुनावों की पारदर्शिता के लिए आवश्यक है।
- सुप्रीम कोर्ट ने प्रक्रिया को सही ठहराया है।
- सोनिया गांधी से संबंधित मामले में कानूनी पूछताछ हो रही है।
नई दिल्ली, 10 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद मनन कुमार मिश्रा ने मद्रास हाईकोर्ट के जस्टिस स्वामीनाथन के खिलाफ विपक्ष के महाभियोग नोटिस की आलोचना की। उन्होंने जस्टिस स्वामीनाथन के निर्णय को सही ठहराते हुए कहा कि तमिलनाडु में चुनाव हैं, इसीलिए डीएमके के लोग वोटों का ध्रुवीकरण करना चाहते हैं।
डीएमके सांसदों द्वारा जस्टिस स्वामीनाथन के खिलाफ दिए गए महाभियोग नोटिस पर भाजपा सांसद ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "मंदिर में दीप जलाने में क्या गलत है? कोर्ट ने कहा कि सुरक्षा होनी चाहिए, अनुमति होनी चाहिए। तो मुझे नहीं लगता कि कोर्ट ने कुछ गलत किया है। हर मामले को आप महाभियोग तक ले आएंगे, तो यह महाभियोग जैसी प्रक्रिया का ही मजाक बन जाएगा। तमिलनाडु में चुनाव हैं और ये लोग वोटों का ध्रुवीकरण करना चाहते हैं, लेकिन इससे कोई लाभ होने वाला नहीं है।"
उन्होंने संसद में 'एसआईआर' के विषय पर भी विपक्ष को दो टूक जवाब दिया। सांसद मनन कुमार मिश्रा ने कहा कि अगर विपक्ष चुनाव आयोग की प्रक्रिया एसआईआर को वापस लेने पर अड़ा है तो यह संभव नहीं है।
मनन कुमार मिश्रा ने कहा, "एसआईआर स्वच्छ और निष्पक्ष चुनाव के लिए देश में अत्यंत आवश्यक चीज है। ये लोग हर रोज एसआईआर पर अनावश्यक टिप्पणियां कर रहे हैं। इन्होंने संसद में बहस की मांग की थी, वह भी हो गई। अब यदि यह चाहते हैं कि चुनाव आयोग एसआईआर का प्रावधान वापस ले या समाप्त कर दे, तो यह होने वाला नहीं है।"
उन्होंने कहा कि एसआईआर से आक्रोशित होकर वे लोग (विपक्ष) सुप्रीम कोर्ट गए। सुप्रीम कोर्ट ने प्रक्रिया को सही माना। अब सुप्रीम कोर्ट स्वयं इसकी मॉनिटरिंग कर रहा है। एसआईआर को जनता ने भी खुशी से स्वीकार किया है।
इस बीच, भाजपा सांसद मनन कुमार मिश्रा ने सोनिया गांधी को राउज एवेन्यू कोर्ट का नोटिस मिलने पर कहा, "जब वह 1983 में देश की नागरिक बनीं तो फिर सन 1980 में वह वोटर कैसे बन गईं? ऐसे में यह एक मामला बनता है। कोर्ट ने सही नोटिस दिया है। इसका कोई जवाब कांग्रेस, सोनिया या किसी के पास नहीं है। इस मामले में दस्तावेज मौजूद हैं और यह बिल्कुल सही हैं। इसलिए कोर्ट ने संज्ञान लिया है।"