क्या एनडीए हार के डर से बीड़ी विवाद को तूल दे रही है?

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क्या एनडीए हार के डर से बीड़ी विवाद को तूल दे रही है?

सारांश

क्या एनडीए हार के डर से बीड़ी विवाद को बढ़ा-चढ़ा कर पेश कर रही है? जानिए राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी के विचार और बिहार की सियासी हलचल पर उनका दृष्टिकोण।

Key Takeaways

  • राजद प्रवक्ता ने बीड़ी विवाद को एनडीए की हार के डर से जोड़ा।
  • कांग्रेस का बयान और उसकी प्रतिक्रिया पर राजनीति तेज।
  • महागठबंधन की बैठकें चुनावी रणनीति के तहत हो रही हैं।
  • राजद ने बिहार में भ्रष्टाचार और अपराध पर सवाल उठाए।
  • भाजपा नेताओं का बिहार के श्रमिकों के प्रति दृष्टिकोण पर सवाल।

पटना, 6 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने आरोप लगाया है कि बिहार में एनडीए हार के डर से बीड़ी वाले बयान को बढ़ा-चढ़ा कर पेश कर रही है। उनकी मान्यता है कि जिस प्रकार लोकसभा सांसद राहुल गांधी और राजद नेता तेजस्वी यादव की वोटर अधिकार यात्रा को जनसमर्थन मिला है, उससे भाजपा और उसके सहयोगी दलों में घबराहट है।

केरल कांग्रेस इकाई द्वारा बिहार की तुलना बीड़ी से करने की घटना ने बिहार की सियासत में हलचल मचा दी है। भाजपा और उसके सहयोगी दलों ने राजद के उच्च नेताओं से यह पूछा है कि क्या वे कांग्रेस के इस बयान से सहमत हैं।

राष्ट्र प्रेस के साथ बातचीत में, तिवारी ने कहा कि कांग्रेस ने बीड़ी वाला पोस्ट हटा लिया है। फिर भाजपा इसे क्यों तूल दे रही है? उन्होंने यह भी कहा कि एनडीए विधानसभा चुनाव में हारने की संभावना के कारण ही यह विवाद उठाया जा रहा है।

तिवारी ने कहा कि भाजपा नेताओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के डीएनए पर सवाल उठाकर बिहार के लोगों का अपमान किया है और उन्हें इसके लिए माफी मांगनी चाहिए।

महागठबंधन की बैठकों की निरंतरता पर, उन्होंने कहा कि चुनाव के नजदीक आते ही ये बैठकें और तेज हो गई हैं। इन बैठकों में सीट बंटवारे और अन्य मुद्दों पर निर्णय लिए जा रहे हैं।

मृत्युंजय तिवारी ने कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत के बयान का समर्थन किया, जिसमें उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ने बिहार की जनता के साथ जो संवाद किया, वह प्रशंसनीय था। जब कुछ लोगों ने काला झंडा दिखाया, तो उन्होंने इसे सहजता से लिया।

तिवारी ने बिहार में एनडीए सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य में अपराध और भ्रष्टाचार का बोलबाला है। उन्होंने तेजस्वी यादव के हालिया सोशल मीडिया पोस्ट का उल्लेख किया, जिसमें उन्होंने पलायन, बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दों पर सरकार से जवाब मांगा है।

भाजपा नेता अमित मालवीय के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए, तिवारी ने कहा कि भाजपा को बिहार के मेहनती लोगों की याद केवल चुनाव के समय आती है। जब गुजरात और महाराष्ट्र जैसे भाजपा शासित राज्यों में बिहार के श्रमिकों के साथ दुर्व्यवहार किया जाता है, तब भाजपा नेताओं को बिहार के लोगों की मेहनत याद नहीं आती।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हालिया बयानों पर तंज कसते हुए, तिवारी ने कहा कि ट्रंप कभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना अच्छा दोस्त बताते हैं और कभी कुछ और, जिससे उनकी बातों में अस्पष्टता दिखाई देती है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि बिहार की राजनीति में हालिया घटनाक्रम न केवल स्थानीय मुद्दों को उजागर करते हैं, बल्कि यह भी दर्शाते हैं कि चुनावी माहौल में पार्टियों के बीच की प्रतिस्पर्धा कितनी तीव्र हो गई है। एनडीए और महागठबंधन दोनों ही अपने-अपने वादों और नीतियों को लेकर जनता के बीच अपनी छवि बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
NationPress
06/09/2025

Frequently Asked Questions

बिहार में बीड़ी विवाद का मुख्य कारण क्या है?
बीड़ी विवाद का मुख्य कारण केरल कांग्रेस का बिहार की तुलना बीड़ी से करना है, जिसे एनडीए द्वारा बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया जा रहा है।
एनडीए और राजद के बीच वर्तमान में क्या विवाद चल रहा है?
एनडीए हार के डर से बीड़ी वाले बयान को मुद्दा बना रही है, जबकि राजद ने इसे चुनावी रणनीति का हिस्सा बताया है।
महागठबंधन की बैठकें क्यों हो रही हैं?
महागठबंधन की बैठकें आगामी चुनाव के लिए सीट बंटवारे और अन्य मुद्दों पर विचार करने के लिए लगातार हो रही हैं।