क्या नितिन नबीन ने राजद पर तंज कसते हुए विकास को 'एलईडी' के माध्यम से देखने की बात कही?

सारांश
Key Takeaways
- तेजस्वी यादव ने सरकार पर रिमोट से चलाने का आरोप लगाया।
- नितिन नबीन ने कहा कि विकास एलईडी की रोशनी में दिखता है।
- बिहार में कानून-व्यवस्था की स्थिति चिंताजनक है।
- आम लोगों की सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त की गई है।
- राजनीतिक नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप की स्थिति बनी हुई है।
पटना, 14 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और राजद के नेता तेजस्वी यादव के रिमोट से सरकार चलाने के बयान पर भारतीय जनता पार्टी ने तीखा हमला किया है। सोमवार को बिहार के मंत्री और भाजपा नेता नितिन नबीन ने तेजस्वी यादव पर हमला बोला।
उन्होंने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "कल तक लालू यादव और तेजस्वी यादव यह कहते थे कि भाजपा की टीम बी ग्रेड की है, लेकिन आज वे कह रहे हैं कि हम रिमोट से सरकार चला रहे हैं। मुझे समझ नहीं आ रहा कि उनके अपने शब्दों में यह क्या बेतुकी बात है? जो लोग लालटेन की रोशनी में देखते हैं, उन्हें विकास नहीं दिखाई देता। अगर वे एलईडी की रोशनी में देखें, तो उन्हें विकास साफ नजर आएगा। जिनकी परवरिश अपहरणकर्ताओं और अपराधियों के बीच हुई, उनसे भविष्य में कोई उम्मीद नहीं की जा सकती।
इससे पहले तेजस्वी यादव ने बिहार में कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर सरकार पर हमला बोला।
उन्होंने कहा कि राज्य में 'क्रिमिनल डिसऑर्डर' हो चुका है। तेजस्वी ने कहा कि बिहार में भयावह स्थिति है, जहाँ शिक्षक, व्यवसायी, ठेकेदार, डॉक्टर और वकील सहित आम लोगों की हत्याएं हो रही हैं और छोटी बच्चियों के साथ गैंगरेप की घटनाएं हो रही हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि बिहार में भाजपा नेताओं की भी हत्याएं हो रही हैं, और पुलिस की हत्या हो रही है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि कोई भी सुरक्षित नहीं है। उन्होंने सवाल उठाया कि इसके बावजूद प्रधानमंत्री क्यों चुप हैं? क्या उन्होंने एक बार भी चिंता प्रकट की है? जब प्रधानमंत्री वोट लेते हैं, तो यहाँ की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी उनकी है। मुख्यमंत्री तो अचेत अवस्था में हैं।
उन्होंने आगे कहा कि भाजपा रिमोट से सरकार चला रही है और अपराधियों में कोई भय नहीं है। चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा मजबूरी में कानून-व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं, क्योंकि स्थिति बेहद खराब है। मुख्यमंत्री भी 'हाईजैक' हो चुके हैं। उनकी सेहत ठीक नहीं है, जिसका फायदा कुछ अधिकारी उठा रहे हैं।