क्या नीतीश कुमार ने बिहार को अंधेरे से उजाले की ओर ले जाने में सफलता प्राप्त की? : नीतीश मिश्रा

सारांश
Key Takeaways
- बिहार में विकास यात्रा: 2005 से 2025 तक के बदलावों का जिक्र।
- नीतीश कुमार का नेतृत्व: दूरदर्शी नेतृत्व की भूमिका।
- रोजगार के अवसर: नए निवेश से रोजगार के अवसर बढ़े।
- पुस्तक का उद्देश्य: आम लोगों को बिहार की प्रगति की कहानी समझाना।
- भविष्य की संभावनाएँ: विकसित भारत में बिहार का योगदान।
नई दिल्ली, 7 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार सरकार के मंत्री नीतीश मिश्रा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 20 वर्षों के शासन की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने बिहार को अंधेरे से उजाले की ओर अग्रसर किया है।
मंत्री नीतीश मिश्रा द्वारा लिखित पुस्तक 'बिहार है तैयार' का रविवार को विमोचन हुआ। इस पुस्तक में, उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में 2005 से 2025 तक के बदलावों का विस्तार से उल्लेख किया है।
राष्ट्र प्रेस से बातचीत के दौरान मंत्री नीतीश मिश्रा ने अपनी पुस्तक 'बिहार है तैयार: बदलाव की एक यात्रा 2005-2025' के बारे में बताया कि इसमें उन्होंने 2005 से 2025 तक बिहार में हुए परिवर्तनों के साथ-साथ भविष्य की संभावनाओं और विकसित भारत में बिहार के योगदान को भी शामिल किया है।
उन्होंने अपने व्यक्तिगत अनुभवों के आधार पर इस पुस्तक को लिखा है, जिसमें 1990 के दशक के बिहार के कठिन दौर, जब राज्य की बुनियादी संरचना कमजोर थी, का जिक्र किया गया है। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक पाठकों को उस कठिन समय की याद दिलाएगी और दिखाएगी कि कैसे 2005 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक अंधेरे में डूबा बिहार मिला था, जिसे अब उड़ान के लिए तैयार किया गया है।
इस पुस्तक में बिहार के विकास, नए निवेश और रोजगार के अवसरों पर भी जोर दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस पुस्तक में मैंने अपने 25 वर्षों के राजनीतिक अनुभव को सरल भाषा में साझा किया है, ताकि यह पुस्तक आम जनता को पसंद आए और बिहार के पिछड़ेपन से प्रगति की ओर बढ़ने की कहानी को समझने में मदद करे।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस पुस्तक के बारे में कहा कि यह बिहार के विकास यात्रा को वर्ष 2005 से 2025 तक समाहित करती है। इसमें उल्लेख है कि किस प्रकार दूरदर्शी नेतृत्व, ईमानदार प्रशासन और बिहारी जनमानस की अटूट इच्छाशक्ति ने पिछले दो दशकों में राज्य में सकारात्मक बदलाव की ऐतिहासिक यात्रा को संभव बनाया।