क्या ओडिशा की घटना ने सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया?
सारांश
Key Takeaways
- राजगांगपुर की घटना ने सरकार की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं।
- नवीन पटनायक ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
- सरकार को नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।
- इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है।
- स्थानीय प्रशासन को अधिक जिम्मेदार और सक्रिय बनाना चाहिए।
भुवनेश्वर, 8 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। ओडिशा के राजगांगपुर में लांजीबेंडा में कॉलेज की छात्रा द्वारा आत्मदाह के मामले में नवीन पटनायक ने राज्य सरकार पर कटाक्ष किया है। उनका कहना है कि यह घटना कानून की खामियों को उजागर कर रही है।
बीजू जनता दल (बीजेडी) के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "राजगांगपुर लांजीबेरना में एक कॉलेज छात्रा का आत्मदाह होना बेहद वेदनापूर्ण है। ऐसे कठिन समय में, मैं परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं और छात्रा की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं।"
उन्होंने आगे कहा कि परिवार ने उन्हें बताया था कि उन्हें पहले ही जान से मारने की धमकियां मिल चुकी थीं, इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं होना सभी को चौंका रहा है। सरकार कितनी बेगुनाह जिंदगियों को इस तरह जलने देगी? ओडिशा में बढ़ती ऐसी घटनाओं पर सरकार की लापरवाही अपराधियों के हौसले को बढ़ा रही है।
नवीन पटनायक ने लिखा कि लोग असुरक्षित महसूस कर रहे हैं, और अपराधी बेखौफ घूम रहे हैं। सरकार किसे सुरक्षा दे रही है? राज्य में कानून-व्यवस्था को सुधारने के लिए सरकार को सख्त कदम उठाने चाहिए। लोगों को न्याय मिलना चाहिए और अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
उन्होंने सरकार से मांग की कि दोषियों को तुरंत गिरफ्तार कर कड़ी सजा दी जाए, ताकि भविष्य में कोई भी ऐसे जघन्य अपराध करने की हिम्मत न कर सके। उन्होंने पुलिस और प्रशासन को अधिक उत्तरदायी तथा सक्रिय बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। राज्य की शांति, सुरक्षा और सामाजिक संतुलन बनाए रखने के लिए सरकार का ठोस और संवेदनशील रवैया जरूरी है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, "आखिरकार सरकार कब जागेगी और कितनी घटनाओं के बाद कानून-व्यवस्था को मजबूत करने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएंगे?"
पटनायक का आरोप है कि राज्य में बढ़ती हिंसा और अपराधों के प्रति सरकार की लापरवाही अपराधियों का मनोबल बढ़ा रही है, जिससे आम नागरिक असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। उनका कहना है कि अपराधी निर्भीक होकर घूम रहे हैं, जबकि जनता भय में जीने को मजबूर है।