क्या ओडिशा सरकार किसानों को परेशान कर रही है?
सारांश
Key Takeaways
- ओडिशा सरकार पर किसानों के हितों की अनदेखी का आरोप
- 5,000 किसान धान खरीद प्रक्रिया से बाहर
- तकनीकी गड़बड़ियाँ और खराब पंजीकरण प्रणाली की समस्या
- कृषि मंत्री की असंवेदनशीलता पर सवाल
- राज्यव्यापी आंदोलन की चेतावनी
भुवनेश्वर, 5 नवंबर। बीजू जनता दल (बीजद) ने बुधवार को ओडिशा सरकार पर किसानों के हितों की अनदेखी का गंभीर आरोप लगाया। बीजद प्रवक्ता डॉ. लेनिन मोहंती ने बरगढ़ से भाजपा सांसद प्रदीप पुरोहित द्वारा मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी को लिखे गए पत्र के संदर्भ में सरकार को आड़े हाथों लिया।
सांसद पुरोहित ने अपने पत्र में मुख्यमंत्री से बरगढ़ क्षेत्र के लगभग 5,000 किसानों को धान खरीद पंजीकरण प्रक्रिया में शामिल करने की मांग की थी, जो किसी कारणवश प्रक्रिया से बाहर रह गए थे। साथ ही, उन्होंने चक्रवात मोन्था से प्रभावित किसानों के लिए मुआवजा देने की भी अपील की थी।
बीजद प्रवक्ता डॉ. लेनिन मोहंती ने राष्ट्र प्रेस के साथ बातचीत में कहा कि बीजद लंबे समय से इस मुद्दे को उठा रही है, लेकिन सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
उन्होंने कहा कि यह केवल 5,000 किसानों की बात नहीं है। ओडिशा के विभिन्न जिलों में हजारों किसान खराब पंजीकरण प्रणाली और तकनीकी गड़बड़ियों के कारण योजना से बाहर रह गए हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य की धान खरीद और उर्वरक वितरण प्रणाली “कुप्रबंधित और उत्पीड़नकारी” हो गई है, जिससे किसानों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
डॉ. मोहंती ने कहा कि तकनीकी खामियों और खराब समन्वय के चलते किसानों को घंटों और कई बार कई दिनों तक कतारों में खड़ा रहना पड़ता है, जो सरकार की प्रशासनिक नाकामी को दर्शाता है। उन्होंने सरकार से तत्काल सुधार की मांग की और चेतावनी दी कि यदि सरकार किसानों के लिए यह प्रक्रिया आसान नहीं बनाती, तो बीजद सड़कों पर उतरने को मजबूर होगी।
बीजद प्रवक्ता ने कृषि मंत्री पर तंज कसते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि मंत्री पश्चिमी ओडिशा के लाखों धान किसानों की परेशानियों से ज्यादा ड्रैगन फ्रूट की खेती को बढ़ावा देने में रुचि रखते हैं। किसानों की दुर्दशा पर सरकार का यह रवैया असंवेदनशील है।
चक्रवात मोन्था से प्रभावित जिलों पर बोलते हुए डॉ. मोहंती ने कहा कि सरकार ने प्रभावित क्षेत्रों की वास्तविक स्थिति को कम करके आंका है।
उन्होंने कहा कि बारगढ़, कालाहांडी और नुआपाड़ा के कुछ हिस्से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं, लेकिन सरकार की देरी और अपर्याप्त मुआवजे ने किसानों की हालत और बिगाड़ दी है।
उन्होंने कहा कि नवीन पटनायक के नेतृत्व में ओडिशा एक आपदा-प्रवण राज्य से आपदा-प्रतिरोधी राज्य बना था, लेकिन मौजूदा सरकार की अक्षमता ने इस प्रगति को उलट दिया है। अब जनता परेशान है और प्रशासन मौन है।
मोहंती ने चेतावनी दी कि अगर सरकार धान खरीद प्रक्रिया और चक्रवात मुआवजे से जुड़े मुद्दों पर तुरंत ठोस कदम नहीं उठाती, तो बीजद किसानों और आम नागरिकों के समर्थन में राज्यव्यापी आंदोलन शुरू करेगी।