क्या 'ऑपरेशन सिंदूर' पर सियासत तेज हो रही है?
सारांश
Key Takeaways
- कांग्रेस ने भाजपा पर राजनीतिक बदले का आरोप लगाया है।
- वाम दलों ने सरकार की आतंकवाद नीति पर सवाल उठाए हैं।
- राहुल गांधी की आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है।
- 'ऑपरेशन सिंदूर' ने कश्मीर में शांति की रणनीति को कमजोर किया है।
- आतंकवाद का समाधान बातचीत और संवाद से होना चाहिए।
नई दिल्ली, १७ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण के 'ऑपरेशन सिंदूर' पर दिए गए बयान ने सियासी हलचल को और तेज कर दिया है। कांग्रेस ने भाजपा पर आरोप लगाया है, वहीं वाम दलों ने सरकार की आतंकवाद विरोधी नीति और उसके दावों पर सवाल उठाए हैं।
कांग्रेस सांसद जेबी माथेर ने आरोप लगाया कि यह सब राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित है।
उन्होंने यह भी कहा कि मौजूदा सरकार विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए अलोकतांत्रिक तरीकों का इस्तेमाल कर रही है। संवैधानिक संस्थाओं और केंद्र सरकार की एजेंसियों का दुरुपयोग कर विपक्ष को निशाना बनाया जा रहा है, जो एक गंभीर चिंता का विषय है।
माथेर ने कहा कि राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के खिलाफ जो कार्रवाई हो रही है, वह पूरी तरह से राजनीतिक प्रतिशोध से प्रेरित है। उन्होंने आरोप लगाया कि बिना किसी ठोस आधार के कई दिन तक मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना दी गई।
कांग्रेस सांसद ने कहा कि सरकार चाहे जितनी कोशिशें कर ले, राहुल गांधी की आवाज को दबा नहीं सकती। वह हमेशा जनता की आवाज उठाते रहेंगे। अंत में सच्चाई की जीत होगी। 'सत्यमेव जयते' एक बार फिर साबित होगा।
दूसरी ओर, सीपीआईएम सांसद अमरा राम ने इस मुद्दे पर अपना अलग दृष्टिकोण प्रस्तुत किया। उन्होंने सरकार के दावों को 'बेबुनियाद' बताते हुए कहा कि यह कहना कि पाकिस्तान को पूरी तरह खत्म किया जाएगा, वास्तव में सही नहीं है।
अमरा राम ने कहा कि पाकिस्तान से होने वाली आतंकवादी गतिविधियां एक गंभीर समस्या हैं, लेकिन इसका समाधान केवल बयानबाजी से नहीं हो सकता। उनके अनुसार, आतंकवाद के मुद्दे पर बातचीत और संवाद आवश्यक है। भारत को भी पहल करते हुए चर्चा की राह अपनानी चाहिए।
उन्होंने पृथ्वीराज चव्हाण के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनकी टिप्पणी पूरी तरह सही नहीं थी, लेकिन 'ऑपरेशन सिंदूर' के दावों का भी सच्चाई से दूर होना सामने आया है।
अमरा राम ने कहा कि केंद्र सरकार का दावा था कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद आतंकवाद पर काबू पा लिया गया है, लेकिन ऑपरेशन के बाद वही आतंकवादी फिर से सक्रिय होकर राष्ट्रीय राजधानी तक पहुंच गए, जो इन दावों की सच्चाई को उजागर करता है।
सीपीएम सांसद ने कहा कि कश्मीर में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए जो रणनीति अपनाई गई थी, ऑपरेशन सिंदूर ने उस उद्देश्य को कमजोर किया है।