क्या पप्पू यादव ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाते हुए भाजपा के इशारों पर काम करने का दावा किया?

सारांश
Key Takeaways
- पप्पू यादव ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाया।
- चुनाव आयोग भाजपा के निर्देशों पर चल रहा है।
- सरकारी योजनाओं का उद्घाटन चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित कर रहा है।
- पप्पू यादव का कहना है कि जनता सरकार बदलने के लिए तैयार है।
- विपक्ष की जीत 'वोट चोरी' पर निर्भर करेगी।
नई दिल्ली, 6 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा होते ही राजनीतिक बयानबाजी में तेज़ी आ गई है। निर्दलीय सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि आयोग अब स्वतंत्र नहीं रहा, बल्कि सत्तारूढ़ दल के इशारों पर काम कर रहा है।
उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग अपने मन से कुछ नहीं करता, पूरी प्रक्रिया भाजपा के निर्देश पर चलती है। जब पार्टी तय कर लेती है कि चुनाव कब कराने हैं, तब आयोग उनसे पूछता है और फिर उसी हिसाब से तारीखें घोषित की जाती हैं।
पप्पू यादव ने कहा कि बिहार में चुनाव से पहले सरकारी योजनाओं और अधूरे प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन करना चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठाता है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि मेट्रो बनी नहीं, कोई काम पूरा हुआ नहीं, लेकिन उद्घाटन पर उद्घाटन किए जा रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि रेलवे से लोगों को लाना, बसों की सुविधा देना, ये सब चुनावी रणनीति का हिस्सा है। भाजपा सरकार विकास के नाम पर प्रचार कर रही है, लेकिन असलियत जमीनी स्तर पर कुछ और ही है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भी पप्पू यादव ने चुनाव आयोग पर तीखा हमला बोला। उन्होंने लिखा, "इतना बेशर्म चुनाव आयोग कभी नहीं देखा। जिस आयोग से निष्पक्षता की उम्मीद थी, उसने आज हर भ्रम तोड़ दिया। भाजपा मुख्यालय से चुनाव कार्यक्रम भेजा गया और मुख्य चुनाव आयुक्त ने बस पढ़ दिया।"
उन्होंने आगे कहा कि बिहार का हर बच्चा जानता था कि जैसे ही अधूरे मेट्रो का उद्घाटन होगा, वैसे ही चुनाव की तारीखें घोषित हो जाएंगी।
पप्पू यादव ने कहा कि कांग्रेस और विपक्षी दलों ने चुनाव की तैयारी पहले से कर रखी है। उन्होंने कहा कि इस बार जनता सरकार बदलने का मन बना चुकी है। अगर 'वोट चोरी' न हो तो विपक्ष की जीत तय है।