क्या पटेल साहब ने पंडित नेहरू को देश का आदर्श और जनता का नेता कहा था? - मल्लिकार्जुन खड़गे
 
                                सारांश
Key Takeaways
- मल्लिकार्जुन खड़गे ने मोदी के बयान का जवाब दिया।
- सरदार पटेल और पंडित नेहरू के बीच संबंधों का महत्व।
- कश्मीर के विलय पर ऐतिहासिक दृष्टिकोण।
नई दिल्ली, 30 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान पर कड़ा जवाब दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि सरदार वल्लभभाई पटेल चाहते थे कि जैसे उन्होंने अन्य रियासतों का विलय किया, वैसे ही कश्मीर का भी विलय हो, लेकिन पंडित नेहरू ने उनकी यह इच्छा पूरी नहीं होने दी।
इस पर खड़गे ने स्पष्ट किया कि भाजपा के नेता हमेशा यह कहते हैं कि नेहरू और पटेल के बीच मतभेद था, जबकि नेहरू ने स्वयं पटेल को 'भारत की एकता का शिल्पी' कहा था। वहीं, पटेल ने नेहरू को 'देश का आदर्श और जनता का नेता' बताया था।
खड़गे ने आगे कहा कि अतीत में, लोग नौकरशाही के माध्यम से एक विशेष संगठन की विचारधारा को फैलाते थे। इस कारण जमात-ए-इस्लामी और अन्य संगठनों के सरकारी कर्मचारियों से संबंध पर प्रतिबंध लगाया गया था।
कांग्रेस अध्यक्ष ने बताया कि सरदार पटेल एकता के प्रतीक थे। उन्होंने संविधान सभा में मौलिक अधिकारों पर अपने विचार रखे और उन्हें संविधान में शामिल किया। मैं आपको पटेल का एक पत्र याद दिलाना चाहता हूं, जिसमें उन्होंने 4 फरवरी 1948 को लिखा था।
ज्ञात रहे कि प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को सरदार पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर गुजरात के एकता नगर में आयोजित कार्यक्रम में कहा था कि सरदार साहब चाहते थे कि जैसे उन्होंने अन्य रियासतों का विलय किया, वैसे ही कश्मीर का भी विलय हो, लेकिन नेहरू ने उनकी यह इच्छा पूरी नहीं होने दी। कश्मीर को अलग संविधान और अलग निशान के साथ विभाजित कर दिया गया। कश्मीर पर कांग्रेस ने जो गलती की थी, उसकी कीमत देश को दशकों तक चुकानी पड़ी।
 
                     
                                             
                                             
                                             
                                             
                             
                             
                             
                            