क्या पीएम मोदी की दूरदृष्टि का परिणाम है जीएसटी 2.0? : सीएम पुष्कर सिंह धामी

सारांश
Key Takeaways
- जीएसटी 2.0 भारत की विकास यात्रा को सशक्त करेगा।
- 22 सितंबर से लागू होने वाली नई दरों से सभी वर्गों को लाभ होगा।
- यह ‘नेक्स्ट जेनरेशन जीएसटी रिफॉर्म’ है।
देहरादून, 21 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 22 सितंबर से लागू होने वाली नई जीएसटी दरों की प्रशंसा की। उन्होंने इसे ‘नेक्स्ट जेनरेशन जीएसटी रिफॉर्म’ बताते हुए कहा कि यह भारत की विकास गाथा को और मजबूत करेगा।
सीएम धामी ने रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट साझा करते हुए लिखा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदृष्टि और कड़ी प्रतिबद्धता से नेक्स्ट जेनरेशन जीएसटी रिफॉर्म भारत की विकास यात्रा को सशक्त बनाएगा। निश्चित रूप से ये सुधार व्यवसाय को सुलभ, निवेश को आकर्षक और हर राज्य को विकास की दौड़ में समानता प्रदान करेंगे।"
सीएम धामी ने एक अन्य पोस्ट में 22 सितंबर से प्रारंभ होने वाले ‘जीएसटी बचत उत्सव’ का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, "पीएम मोदी के कुशल नेतृत्व में 22 सितंबर से भारत में जीएसटी बचत उत्सव आरंभ होने जा रहा है। यह हम सभी के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है, जब राष्ट्र का हर वर्ग इससे लाभान्वित होगा और त्योहारों की मिठास का आनंद लेगा।"
इससे पहले, मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड की जनता की ओर से प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया था। उन्होंने एक वीडियो संदेश में कहा था, "22 सितंबर से जीएसटी की संशोधित दरें देशभर में लागू होंगी। इन नई दरों से समाज के हर वर्ग, विशेषकर मध्यम वर्ग को बड़ी राहत मिलेगी। इस बार दीपावली और भी खास होगी क्योंकि व्यापारी से लेकर उपभोक्ता तक हर व्यक्ति इस पहल से लाभान्वित होगा। इस ऐतिहासिक कदम के लिए पीएम मोदी और केंद्रीय नेतृत्व का हार्दिक आभार।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में जीएसटी 2.0 सुधारों को देशहित में बताया।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा, "जब आपने हमें 2014 में सेवा का अवसर दिया, तो हमने जनहित में, देशहित में जीएसटी को अपनी प्राथमिकता बनाया। हमने हर स्टेक होल्डर से चर्चा की, हमने हर राज्य की हर शंका का निवारण किया और हमने हर सवाल का समाधान खोजा। सभी राज्यों और सबको साथ लेकर आजाद भारत का इतना बड़ा टैक्स रिफॉर्म्स संभव हो पाया। यह केंद्र और राज्यों के प्रयासों का परिणाम था कि आज देश दर्जनों टैक्स से मुक्त हुआ। ‘वन नेशन, वन टैक्स’ का सपना साकार हुआ।