क्या पीएम मोदी को चुनौती देना आसान है? अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के विचार

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क्या पीएम मोदी को चुनौती देना आसान है? अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के विचार

सारांश

जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामीश्री अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने हाल ही में पीएम मोदी की स्थिति और राजनीतिक परिदृश्य पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी को चुनौती देना सरल नहीं है और राहुल गांधी जैसी राजनीतिक व्यक्तित्वों के लिए इसे हासिल करना कठिन है।

Key Takeaways

  • पीएम मोदी की राजनीतिक स्थिति मजबूत है
  • राहुल गांधी को चुनौती देना आसान नहीं है
  • धर्मांतरण पर सख्त कदम उठाने की ज़रूरत है
  • राजनीति से कलाकारों को दूर रहना चाहिए
  • ईमानदारी से विचार व्यक्त करना महत्वपूर्ण है

मुंबई, 12 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। जगद्गुरु शंकराचार्य महाराज स्वामीश्री अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती '1008' ने शनिवार को देश के विभिन्न धार्मिक, राजनीतिक, वैश्विक मुद्दों और हालिया घटनाओं पर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि पीएम मोदी को चुनौती देना आसान नहीं है, लोग कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अब तक पीएम मोदी को हिला नहीं पाए हैं.

राष्ट्रीय राजनीति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने राहुल गांधी की स्थिति पर उन्होंने कहा, "राहुल गांधी, पीएम मोदी को चुनौती देने के लिए प्रयासरत हैं। लेकिन चुनौती देना आसान नहीं है। लोग प्रयास तो कर रहे हैं, लेकिन अब तक पीएम मोदी को हिला नहीं पाए हैं. वे जहां खड़े हैं, मजबूती से खड़े हैं। अब तक कोई उन्हें उस स्थान से डिगा नहीं सका है।"

वैश्विक राजनीति में पीएम मोदी की स्थिति को लेकर उन्होंने कहा, "यह विश्लेषण का विषय है कि वैश्विक राजनीति में वह कितनी बड़ी ताकत हैं। हमने देखा है कि वे अपनी पार्टी में सबसे ताकतवर हैं। जो नियम बनाना चाहते हैं, वही बनाते हैं और सभी को उनका पालन करना पड़ता है। भले ही हम विदेश न गए हों, लेकिन देश में यही देखा है कि उनकी पार्टी में उनसे अधिक ताकतवर कोई नहीं है।"

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक एवं दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए नोबेल पुरस्कार की मांग करने पर उन्होंने कहा, "व्यक्ति ने जो कुछ कहा, वह कम से कम ईमानदारी से कहा. आजकल अधिकांश लोग छुपाकर बातें करते हैं, लेकिन उसने अपने विचार खुलकर व्यक्त किए, यह साहस की बात है। जो पुरस्कार मिलते हैं, वे यूं ही नहीं मिलते, उनके लिए आवेदन करना पड़ता है, सिफारिशें जुटानी पड़ती हैं, और सरकारी स्तर पर प्रयास भी करने होते हैं। ऐसे में अगर कोई खुलकर बोल रहा है कि उसने यह किया है, तो यह उसकी ईमानदारी है। बाकी लोग पर्दे के पीछे से ही प्रयास करते हैं, कम से कम यह सामने आया।"

कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री पर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के हालिया बयान को लेकर उन्होंने कहा, "यदि अखिलेश यादव ने कहा है कि टेबल के नीचे से लिया जाता है, तो हो सकता है ऐसा होता हो। लेकिन हमारी जानकारी में ऐसा कुछ नहीं है। दूसरी बात, कौन नेता या पार्टी है जो पैसा नहीं लेती? क्या अखिलेश यादव या उनकी पार्टी नहीं लेती? सभी राजनीतिक दल जनता से चंदा लेते हैं, लेकिन उसका ऑडिट नहीं होता, न ही जनता को यह जानने का अधिकार है कि किसे कितना चंदा मिला। कम से कम बाबा बागेश्वर ने जो लिया, वह छिपाया नहीं, यह भी एक ईमानदारी है।"

उत्तर प्रदेश में जिहाद और धर्मांतरण के मामलों पर उन्होंने कहा, "धर्मांतरण एक गंभीर विषय है और इस पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. किसी को बरगलाकर धर्म बदलवाना अपराध है। धर्मांतरण के बाद क्या जीवन में कोई बड़ा बदलाव आया, क्या गरीबी मिट गई, रोग खत्म हो गए, चिंताएं समाप्त हो गईं? अगर नहीं, तो इसका उद्देश्य क्या है?" उन्होंने सुझाव दिया कि धर्मांतरण करने वालों का पंजीकरण होना चाहिए, जिला प्रशासन को पूर्व सूचना दी जानी चाहिए, और संवाद के लिए दोनों पक्षों के विशेषज्ञ उपस्थित होने चाहिए ताकि सत्य सामने आ सके और छल न हो।

कनाडा में कॉमेडियन और एक्टर कपिल शर्मा के कैफे पर हुई फायरिंग पर उन्होंने कहा, "यह सब राजनीति के कारण हो रहा है। कलाकारों को केवल अपनी कला तक सीमित रहना चाहिए। जब वे राजनीतिज्ञों से संबंध बनाते हैं और उसका प्रचार होता है, तो दूसरी पार्टी के लोग उन पर हमला करने का मौका खोजते हैं। इससे बचना चाहिए। एक सच्चे कलाकार को राजनीति से दूर रहकर केवल अपनी कला में लीन रहना चाहिए."

Point of View

यह स्पष्ट है कि भारतीय राजनीति में स्थिरता और शक्ति का एक महत्वपूर्ण स्थान है। पीएम मोदी की स्थिति और उनके प्रति चुनौती को सटीकता से समझना आवश्यक है, क्योंकि यह देश की राजनीति के लिए एक महत्वपूर्ण बिंदु है।
NationPress
21/07/2025

Frequently Asked Questions

अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती कौन हैं?
वे जगद्गुरु शंकराचार्य महाराज हैं और धार्मिक, राजनीतिक मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त करते हैं।
पीएम मोदी को चुनौती देने का क्या मतलब है?
इसका मतलब है कि राजनीतिक नेता मोदी की शक्ति और प्रभाव को चुनौती देने की कोशिश कर रहे हैं।
धर्मांतरण पर अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती क्या कहते हैं?
वे इसे गंभीर विषय मानते हैं और सख्त कार्रवाई का सुझाव देते हैं।