क्या पीएम मोदी ने कैबिनेट के फैसलों की सराहना की? लोगों का जीवन और आसान होगा

सारांश
Key Takeaways
- केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पुणे में मेट्रो सेवा का विस्तार किया।
- आगरा में इंटरनेशनल पोटैटो सेंटर की स्थापना को मंजूरी मिली।
- किसानों के कल्याण के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।
- झारखंड में पुनर्वास योजना को मंजूरी दी गई।
- परियोजनाएँ नागरिकों के जीवन को सरल बनाने में सहायक होंगी।
नई दिल्ली, २५ जून (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं को स्वीकृति दी, जो देश के सामान्य नागरिकों, किसानों और शहरी बुनियादी ढांचे को सीधा लाभ पहुँचाएंगी। इन निर्णयों की प्रधानमंत्री मोदी ने सराहना की।
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा करते हुए कहा कि महाराष्ट्र का पुणे हर क्षेत्र में तेज़ी से विकास कर रहा है और देश की अर्थव्यवस्था में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। इसे और तेज़ करने के लिए हमने यहाँ मेट्रो सेवाओं के विस्तार को हरी झंडी दी है। इससे न केवल परिवहन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि लोगों का जीवन और सरल होगा।
उन्होंने कहा कि हम देशभर के अन्नदाताओं के कल्याण के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। इसी दिशा में, हमारी सरकार ने आगरा में इंटरनेशनल पोटैटो सेंटर के दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र की स्थापना को मंजूरी दी है। इससे आलू की पैदावार से जुड़े हमारे किसान भाई-बहनों को काफी लाभ होगा।
वास्तव में, महाराष्ट्र के पुणे शहर में मेट्रो सेवा के विस्तार को मंत्रिमंडल ने हरी झंडी दे दी है। इसमें दो नए कॉरिडोर शामिल होंगे। यह योजना पुणे की ईस्ट-वेस्ट मास ट्रांजिट प्रणाली को मजबूत करेगी और आईटी हब, शैक्षणिक संस्थानों, व्यावसायिक क्षेत्रों और रिहायशी इलाकों को जोड़ते हुए शहर में सुरक्षित, तेज़ और पर्यावरण-अनुकूल यात्रा का विकल्प उपलब्ध कराएगी।
साथ ही, ये नई मेट्रो लाइनें डिस्ट्रिक्ट कोर्ट इंटरचेंज स्टेशन पर लाइन-1 (निगड़ी-कात्रज) और लाइन-3 (हिंजवाड़ी-डिस्ट्रिक्ट कोर्ट) से जुड़ेंगी, जिससे मल्टी-मॉडल ट्रांसपोर्ट की सुविधा मिलेगी। इस परियोजना से पुणे की अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी और शहर के प्रमुख मार्गों जैसे पौड रोड और नगर रोड पर यातायात का दबाव कम होगा।
इसके अतिरिक्त, आगरा में इंटरनेशनल पोटैटो सेंटर का दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र स्थापित किया जाएगा। केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश के आगरा में इस केंद्र की स्थापना को भी मंजूरी दी है।
वहीं, झारखंड के झरिया कोलफील्ड में पुनर्वास के संशोधित मास्टर प्लान को भी स्वीकृति प्राप्त हुई है। यह योजना खनन प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित और बेहतर जीवन प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।