क्या वह दिन दूर है, जब पीओके के लोग भारतीय शासन व्यवस्था का हिस्सा बनेंगे?

सारांश
Key Takeaways
- पीओके के लोग भारतीय शासन का हिस्सा बनेंगे।
- राजनाथ सिंह ने विपक्ष की नीतियों पर सवाल उठाए।
- भारत आतंकवाद के खिलाफ सख्त कदम उठा रहा है।
- पाकिस्तान की समस्याएं बाहरी दबाव में हैं।
- भारत की प्रगति के लिए आतंकवाद से मुक्ति आवश्यक है।
नई दिल्ली, 29 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर राज्यसभा में चर्चा करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारे विपक्ष के कुछ साथी यह भी कह रहे हैं कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हमें पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर, जिसे हम पीओके के नाम से जानते हैं, पर कब्जा कर लेना चाहिए था। रक्षा मंत्री ने इस पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें समझ नहीं आता कि क्या ये लोग अपनी बात सच में कह रहे हैं या केवल दिखावा कर रहे हैं।
राजनाथ सिंह ने कहा, "जब मैं विपक्ष के अपने साथियों से यह बातें सुनता हूं, तो मैं आश्चर्यचकित रह जाता हूं कि ये लोग मन से यह बातें कर रहे हैं या फिर केवल दिखावा कर रहे हैं। जो भी हो, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का और मेरा व्यक्तिगत स्टैंड हमेशा से यही रहा है कि वह दिन दूर नहीं जब पीओके के लोग भारतीय शासन व्यवस्था का हिस्सा बनेंगे।"
रक्षा मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान की कहानी हमेशा किसी न किसी बाहरी दबाव में होती है। वर्तमान में पाकिस्तान में कई समस्याएं हैं, जो उसे प्रगति की राह पर बढ़ने नहीं दे रही हैं। भारत चाहता है कि आतंकवाद, जो पाकिस्तान समेत पूरे विश्व के लिए एक गंभीर खतरा है, समाप्त हो।
उन्होंने कहा, "आज विपक्ष के हमारे साथियों का पीओके प्रेम देखकर मुझे एक गजल याद आ रही है, जिसमें एक शब्द बदलकर मैं इसे साझा करना चाहता हूं। पीओके लुटने का सबब, पूछो न सबके सामने, नाम आएगा तुम्हारा, ये कहानी फिर सही।"
रक्षा मंत्री ने कहा कि यदि विपक्ष के हमारे साथी सही दिशा में सोचने लगे हैं, तो मैं उन्हें आश्वस्त करता हूं कि यदि देश की जनता का आशीर्वाद रहा और ईश्वर की इच्छा रही, तो वह दिन दूर नहीं जब पाक अधिकृत कश्मीर के लोग भी अपने घरों की वापसी करेंगे। मुझे इस बात पर आश्चर्य है कि विपक्ष में जो लोग आज हैं, जब उनकी सरकार थी, तब उन्होंने जो किया, वह आज की मांग के विपरीत था।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि जब विपक्ष के लोग देश की शासन व्यवस्था चला रहे थे, तो उन्होंने भारत में हुए आतंकी हमलों के जवाब में पाकिस्तान के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की क्योंकि उन्हें डर था कि वह एक परमाणु शक्ति वाला देश है।
उन्होंने कहा, "आज जब हम पाकिस्तान को ठोस जवाब दे रहे हैं, तो मुझे इस बाप-बेटे की कहानी याद आ रही है, जिसमें बाप जीवन भर अंधकार में रहा और बेटे ने अपना नाम पावर हाउस रख लिया।"
उन्होंने कहा कि विपक्ष की नीतियां देश के लिए चिंता का विषय बन चुकी हैं। जब हम आतंकवाद के खतरे से मुक्त होंगे, तभी हम विश्व में शांति और समृद्धि की ओर बढ़ सकेंगे। यह सब पाकिस्तान की आम जनता भी चाहती है, लेकिन वहां के हुक्मरानों ने पाकिस्तान को विनाश के रास्ते पर डाल रखा है।