क्या 'प्रतिभा सेतु' यूपीएससी के होनहारों का मंच है? : पीएम मोदी

सारांश
Key Takeaways
- प्रतिभा सेतु प्लेटफॉर्म का उद्देश्य यूपीएससी अभ्यर्थियों को सहयोग प्रदान करना है।
- इसमें दस हजार से अधिक अभ्यर्थियों का डेटा बैंक है।
- यह प्लेटफॉर्म युवाओं को उनकी मेहनत का सही मूल्यांकन करने में मदद करेगा।
नई दिल्ली, 31 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 'मन की बात' कार्यक्रम के 125वें एपिसोड में देशवासियों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा की कठिनाई और उसमें शामिल होने वाले लाखों युवाओं के संघर्ष का उल्लेख किया।
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि हम सबने सिविल सर्विसेज के टॉपर्स की प्रेरणादायी बातें कई बार सुनी हैं। ये युवा कठिन परिस्थितियों में पढ़ाई के बाद अपनी मेहनत से इस सेवा में जगह पाते हैं। लेकिन, यूपीएससी की परीक्षा की एक सच्चाई और भी है। हजारों ऐसे उम्मीदवार भी होते हैं, जो बेहद काबिल होते हैं, उनकी मेहनत भी किसी से कम नहीं होती, लेकिन, मामूली अंतर से वो अंतिम सूची तक नहीं पहुंच पाते।
प्रधानमंत्री मोदी ने 'प्रतिभा सेतु' नामक डिजिटल प्लेटफॉर्म का उल्लेख करते हुए कहा कि यह पोर्टल उन होनहार अभ्यर्थियों के लिए बनाया गया है जो यूपीएससी की अलग-अलग परीक्षाओं के सभी चरण पास कर लेते हैं, लेकिन अंतिम मेरिट लिस्ट तक नहीं पहुंच पाते। उन्होंने कहा कि अब तक ऐसे अभ्यर्थियों को दूसरी परीक्षाओं के लिए फिर से नए सिरे से तैयारी करनी पड़ती थी, जिससे उनका समय और पैसा दोनों व्यर्थ होता था। लेकिन अब 'प्रतिभा सेतु' प्लेटफॉर्म के जरिए इन युवाओं की मेहनत और प्रतिभा का सही उपयोग किया जा सकेगा।
पीएम मोदी ने आगे बताया कि इस पोर्टल पर दस हजार से अधिक अभ्यर्थियों का डेटा बैंक तैयार किया गया है, जिसमें उन सभी युवाओं की जानकारी शामिल है जिन्होंने यूपीएससी की विभिन्न परीक्षाओं के सभी चरण सफलतापूर्वक पूरे किए, मगर अंतिम सूची में नाम नहीं आ सका। ऐसे सभी उम्मीदवारों की जानकारी अब प्रतिभा सेतु पर उपलब्ध कराई जा रही है।
इससे पहले, प्राकृतिक आपदाओं का उल्लेख करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि इस मानसून के मौसम में प्राकृतिक आपदाएं देश की परीक्षा ले रही हैं। पिछले कुछ हफ्तों में हमने बाढ़ और भूस्खलन से भारी तबाही देखी है। कई घर तबाह हो गए, खेत जलमग्न हो गए, पूरे के पूरे परिवार बर्बाद हो गए। पानी के निरंतर प्रवाह ने पुल-सड़कें बहा दीं और लोगों का जीवन खतरे में पड़ गया। इन घटनाओं ने हर भारतीय को दुखी किया है। जिन परिवारों ने अपने प्रियजनों को खोया है, उनका दर्द हम सभी साझा करते हैं।