क्या पुडुचेरी में फिर से एनडीए की सरकार बनेगी? : मनसुख मंडाविया

सारांश
Key Takeaways
- एनडीए पुडुचेरी में फिर से सरकार बनाने की योजना बना रहा है।
- बैठक में केंद्र और राज्य सरकारों की उपलब्धियों की प्रशंसा की गई।
- विपक्ष के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किए गए।
- बैठक में 1500 से अधिक महासमिति सदस्य शामिल हुए।
- जीएसटी सुधारों की भी सराहना की गई।
पुडुचेरी, 16 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया और अर्जुन राम मेघवाल की उपस्थिति में पुडुचेरी प्रदेश भाजपा महासमिति की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में केंद्र और राज्य सरकारों की उपलब्धियों की सराहना करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया गया। इसके साथ ही हार के डर से वोटों में हेराफेरी और विभिन्न झूठे प्रचार के लिए विपक्षी दलों की निंदा की गई।
यह बैठक ओल्ड पोर्ट कॉम्प्लेक्स में प्रदेश अध्यक्ष रामलिंगम की अध्यक्षता में हुई। इसमें केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया, अर्जुन राम मेघवाल, राज्य प्रभारी निर्मल कुमार सुराणा, मंत्री नमशिवयम, जॉन कुमार, सांसद सेल्वागणपति और भाजपा विधायकों सहित 1500 से अधिक महासमिति सदस्यों ने भाग लिया।
बैठक में केंद्रीय उद्योग मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा, "हमारी पार्टी अन्य पार्टियों की तरह एक पारिवारिक पार्टी नहीं है। हर पार्टी की अपनी नीति होती है, लेकिन हमारी पार्टी राष्ट्र के प्रति प्रतिबद्ध है। यदि प्रत्येक स्वयंसेवक उद्देश्यपूर्ण ढंग से कार्य करे तो सभी गतिविधियां सफल होंगी।" उन्होंने यह भी कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि हम पुडुचेरी में फिर से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की सरकार लाएंगे।
महासमिति की बैठक में यह भी कहा गया कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के गठबंधन ने आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में हार के डर से मतदान में धांधली का झूठा अभियान चलाया है। इन आरोपों की निंदा करते हुए चार निंदा प्रस्ताव पारित किए गए, जिनमें से एक प्रस्ताव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी मां के बारे में राहुल गांधी की अपमानजनक टिप्पणियों की निंदा से जुड़ा है।
इसके अतिरिक्त, उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन की प्रशंसा में 63 प्रस्ताव पारित किए गए। जीएसटी सुधार लाने और सभी वर्गों को लाभ पहुंचाने वाले व्यापक आर्थिक परिवर्तन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की गई। केंद्र एवं राज्य सरकारों की उपलब्धियों की सराहना में भी 63 प्रस्ताव पारित किए गए।