क्या पंजाब में कानून-व्यवस्था बनाए रखना सरकार की जिम्मेदारी है?

सारांश
Key Takeaways
- कानून-व्यवस्था बनाए रखना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है।
- गैंगस्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई आवश्यक है।
- आम आदमी पार्टी को अपनी नीति में सुधार लाने की आवश्यकता है।
- व्यापारी वर्ग की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।
- गुजरात की भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप हैं।
चंडीगढ़, 12 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। पंजाब सरकार के वरिष्ठ मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने गुजरात की भाजपा सरकार पर कड़ा हमला किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि गुजरात की साबरमती जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई को वहां से पंजाब के व्यापारियों को फोन पर धमकाने की अनुमति दी जा रही है।
चीमा ने कहा कि भाजपा सरकार की नाकामियों के कारण बिश्नोई जैसे अपराधी बेखौफ होकर अपनी गतिविधियां कर रहे हैं। इस बयान पर पंजाब भाजपा के नेता अनिल सरीन ने तीखा जवाब दिया।
अनिल सरीन ने कहा कि पंजाब की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने ही लॉरेंस बिश्नोई जैसे गैंगस्टरों को पनपने का अवसर दिया। उन्होंने यह भी पूछा कि पंजाब सरकार गैंगस्टरों के खिलाफ सख्त कदम क्यों नहीं उठाती।
सरीन ने कहा, "कानून-व्यवस्था बनाए रखना और जनता के जानमाल की सुरक्षा करना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है, लेकिन 'आप' सरकार इस मोर्चे पर पूरी तरह विफल हो गई है। पंजाब में बढ़ती गैंगस्टर गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए राज्य सरकार को कठोर कदम उठाने चाहिए।"
सरीन ने चीमा को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि दूसरों पर दोष डालने के बजाय पंजाब सरकार को अपनी सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
उन्होंने उत्तर प्रदेश का उदाहरण देते हुए कहा कि भाजपा शासित राज्यों में गैंगस्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाती है, और पंजाब सरकार को भी ऐसा ही करना चाहिए।
वहीं, शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के प्रधान सुखबीर सिंह बादल ने आम आदमी पार्टी (आप) सरकार पर तीखा हमला किया और पंजाब की बिगड़ती कानून व्यवस्था पर मुख्यमंत्री भगवंत मान और 'आप' सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल को आड़े हाथों लिया।
उन्होंने कहा कि पंजाब में आम आदमी की सरकार नहीं, बल्कि केजरीवाल और भगवंत मान की गुंडागर्दी की सरकार चल रही है। मोगा में दिनदिहाड़े एक डॉक्टर को गोली मारी गई, अबोहर में एक कपड़ा व्यापारी की हत्या कर दी गई। व्यापारी वर्ग पर हमले हो रहे हैं। पंजाब की कानून व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा चुकी है। 'आप' के शासन में अपराधियों के हौसले बुलंद हैं, जबकि आम जनता और व्यापारी डर के साए में जी रहे हैं।