क्या पूरन कुमार सुसाइड केस में दोषियों को बख्शा जाएगा? : सीएम सैनी

सारांश
Key Takeaways
- वाई पूरन कुमार का आत्महत्या का मामला गंभीर मानसिक उत्पीड़न का परिणाम हो सकता है।
- हरियाणा सरकार ने जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
- दोषियों को बख्शने का कोई सवाल नहीं है, मुख्यमंत्री का स्पष्ट संदेश।
- जाती आधारित भेदभाव का मुद्दा समाज में गहराई से व्याप्त है।
- इस मामले ने राजनीतिक हलचल को जन्म दिया है।
पंचकूला, 11 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। हरियाणा के पंचकूला में शनिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक आयोजित की गई, जिसमें आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार के निधन पर शोक व्यक्त किया गया। भाजपा के नेताओं ने दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।
हरियाणा के आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार के सुसाइड मामले पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि यदि कोई दोषी है, चाहे वह कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि जैसे ही हमें जापान में वाई पूरन कुमार के निधन की सूचना मिली, हमने उनकी पत्नी को सांत्वना दी और अधिकारियों को उनके साथ घर भेजा।
सीएम सैनी ने यह भी कहा कि उनकी सरकार इस मामले की पूर्ण जांच कराएगी। यदि किसी ने किसी को तंग किया, तो हम उसे बख्शेंगे नहीं। विपक्ष को इस प्रकार के संवेदनशील मुद्दों पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। यदि परिवार के साथ अन्याय हुआ है, तो हमारी सरकार न्याय दिलाने का कार्य करेगी।
इसी संदर्भ में, हरियाणा सरकार ने रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजारणिया को उनके पद से हटा दिया है। उनकी जगह अब सुरेंद्र सिंह भौरिया को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। हरियाणा सरकार के गृह विभाग ने इस संबंध में अधिसूचना जारी की है।
अधिकारी वाई पूरन कुमार की पत्नी अमनीत पी. कुमार ने अपनी शिकायत में हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर और रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजारणिया पर आरोप लगाया कि दोनों उनके पति का मानसिक उत्पीड़न कर रहे थे। इसी वजह से उनके पति ने आत्महत्या कर ली। अमनीत ने दोनों अधिकारियों के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट के तहत कार्रवाई की मांग की है।
अमनीत ने कहा कि उनके पति हमेशा ईमानदारी और निष्ठा से काम करते थे। यह मेरे लिए अत्यंत दुखद है कि वे अपने घर में मृत पाए गए। इसे आत्महत्या कहा जा रहा है, लेकिन मेरा मानना है कि यह लगातार उनके मानसिक उत्पीड़न का परिणाम है। उन्होंने कहा कि मेरे पति मुझे बताते थे कि उनके साथ जातिगत भेदभाव किया जाता था। उनके वरिष्ठ अधिकारी लगातार उनका मानसिक शोषण करते थे। उन्होंने यह भी कहा कि उनके खिलाफ साजिश हो रही थी और उन्हें फंसाने का प्रयास किया जा रहा था, और यह सब डीजीपी के इशारे पर हो रहा था।