क्या राहुल गांधी देशविरोधी भावनाओं से भरे हुए हैं?: भाजपा नेता सतपाल शर्मा
सारांश
Key Takeaways
- बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले चिंताजनक हैं।
- सामाजिक विकास को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
- देशहित का विचार सभी नेताओं को अपनाना चाहिए।
- कांग्रेस नेताओं की देशभक्ति पर सवाल उठाए गए हैं।
- विकासवादी दृष्टिकोण आवश्यक है।
श्रीनगर, 24 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा नेता सतपाल शर्मा ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों को बुधवार को चिंताजनक बताया। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से भारत में विभिन्न समुदायों के लोग शांति से रह रहे हैं, उसी तरह बांग्लादेश की सरकार को भी एक ऐसा वातावरण उत्पन्न करना चाहिए जहां सभी लोग शांति से रह सकें।
सतपाल शर्मा ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में रॉबर्ट वाड्रा के उस बयान पर भी तंज कसा, जिसमें उन्होंने प्रियंका गांधी वाड्रा को प्रधानमंत्री के पद के योग्य बताया। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों से हमें सलाह लेने की आवश्यकता नहीं है जो स्वयं पैरोल पर हैं। उनके लिए यह बेहतर होगा कि वे अपने परिवार के बारे में सोचें।
उन्होंने स्पष्ट किया कि हम साम्राज्यवादी प्रवृत्ति के नहीं हैं। यदि हम होते, तो 1999 के कारगिल युद्ध के बाद हम कुछ कर सकते थे, लेकिन हमने आवेश में आकर ऐसा कोई कदम नहीं उठाया, जिसका दीर्घकालिक परिणाम हानिकारक हो। हम हमेशा विकास को प्राथमिकता देते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि समाज के अंतिम पंक्ति पर बैठे व्यक्ति तक विकास पहुंचे।
उन्होंने कहा कि यदि हम चाहते तो 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद भी कुछ ऐसा कदम उठा सकते थे, जिसका परिणाम हानिकारक होता, लेकिन हमने ऐसा नहीं किया और न ही भविष्य में ऐसा कोई कदम उठाएंगे। हम विकासवादी प्रवृत्ति के लोग हैं।
इसके अलावा, भाजपा नेता सतपाल शर्मा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के विदेश दौरे पर भी सवाल उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि इन लोगों में भारतीयता की भावना नहीं है। ये सभी देशविरोधी भावनाओं से भरे हुए हैं। आमतौर पर हर भारतीय 'भारत माता की जय' के नारे लगाने के लिए उत्साहित रहता है, लेकिन ये लोग ऐसे नहीं हैं। इन्होंने कभी देशहित के बारे में नहीं सोचा। जिस दिन ये देशहित के बारे में सोचना शुरू कर देंगे, उस दिन ये भी आगे बढ़ेंगे।
उन्होंने कांग्रेस के संदर्भ में कहा कि हम किसी का बुरा नहीं चाहते हैं। हम सिर्फ यही चाहते हैं कि ये लोग भी सामने आकर देशहित के बारे में सोचें, लेकिन अफसोस की बात है कि इन्होंने अभी तक इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया है। हम चाहते हैं कि ये लोग भी देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत होकर 'भारत माता की जय' के नारे लगाएं।