क्या राहुल गांधी के दावे गंभीर हैं, इसकी जांच होनी चाहिए? - अबू आजमी

सारांश
Key Takeaways
- मतदाता सूची में हेरफेर का मुद्दा गंभीर है।
- धार्मिक सम्मान की सुरक्षा आवश्यक है।
- सभी दलों को एकजुट होकर विरोध करना चाहिए।
- अमेरिका और इजरायल की नीतियों की आलोचना की गई।
- सख्त कानून की आवश्यकता है जो धार्मिक अपमान को रोक सके।
मुंबई, 8 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता अबू आजमी ने मतदाता सूची में संभवतः हेरफेर और धार्मिक सम्मान के मुद्दे पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में राहुल गांधी के बयान से सहमति जताते हुए कहा कि यह मामला अत्यंत गंभीर है।
उन्होंने अपने क्षेत्र का उदाहरण देते हुए कहा कि मानखुर्द शिवाजी नगर में 6 महीने पहले मतदान करने वाले व्यक्तियों के नाम सूची से हटा दिए गए हैं और उनकी जगह ऐसे व्यक्तियों के नाम डाले गए हैं जो वहां के निवासी नहीं हैं। लोग लगातार आवाज उठाते हैं, लेकिन कोई उन्हें सुनने वाला नहीं है। यह चोरी मशीनों की सहायता से हो रही है और सत्ताधारी दल चुनाव आयोग को अपने इशारों पर चला रहा है।
उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से इस मुद्दे पर एकजुटता से विरोध करने की अपील की।
आजमी ने अमेरिका और इजरायल की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरह हमारे नेता भी दावे करते हैं, लेकिन सच्चाई को उजागर नहीं करते। अमेरिका और इजरायल के उत्पादों का बहिष्कार होना चाहिए।
उनके अनुसार, भारत को पड़ोसी देशों बांग्लादेश, पाकिस्तान, भूटान, श्रीलंका और नेपाल के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने चाहिए।
उन्होंने लोहिया के विचारों का हवाला देते हुए एक महासंघ बनाने की आवश्यकता पर बल दिया ताकि अमेरिका की दादागिरी समाप्त हो सके।
सपा नेता ने धार्मिक भावनाओं के अपमान पर भी चिंता जताई और उदयपुर की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि एक दर्जी की हत्या एक अपराध है।
उन्होंने कहा कि नूपुर शर्मा ने अपमानजनक टिप्पणी की थी, जिसे भाजपा ने गलत मानकर उन्हें हटा दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस पर चिंता जताई थी। जो भी धार्मिक हस्तियों, चाहे देवी-देवता, कुरान, वेद, गांधीजी, या शिवाजी महाराज के खिलाफ अपमानजनक बातें करेगा, उसे कम से कम 10 साल की सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने अपने प्राइवेट मेंबर बिल का हवाला देते हुए सरकार से इस कानून को लागू करने की अपील की।
समाजवादी पार्टी के नेता ने कहा कि जो लोग ऐसी बातें करते हैं, उन्हें जेल भेजा जाना चाहिए और उन पर जुर्माना लगाया जाना चाहिए। उन्होंने अपने को मुसलमान बताते हुए कहा कि वह किसी धर्म के खिलाफ नहीं बोलते, लेकिन यदि कोई धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाए, तो सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।