क्या राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस का जहाज डूबना तय है? दिलीप जायसवाल
सारांश
Key Takeaways
- दिलीप जायसवाल का मानना है कि राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस का डूबना तय है।
- उमर अब्दुल्ला के बयान का समर्थन किया गया है।
- नीतीश कुमार की शासनकाल की प्रशंसा की गई।
- गीता पाठ अभियान पर जोर दिया गया है।
- तेजस्वी यादव पर निशाना साधा गया है।
पटना, 7 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार भाजपा के अध्यक्ष और मंत्री दिलीप जायसवाल ने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के उस बयान का समर्थन किया है, जिसमें उन्होंने इंडी अलायंस को वेंटिलेटर पर बताया।
दिलीप जायसवाल ने कहा कि राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस का जहाज डूबना निश्चित है।
उन्होंने पटना में राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए कहा कि उमर अब्दुल्ला ने बिल्कुल सही कहा है कि इंडिया गठबंधन कभी एकजुट नहीं रह सकता। जब तक राहुल गांधी इसकी कमान संभाल रहे हैं, इस जहाज का डूबना तय है और कोई भी डूबते जहाज पर सवार नहीं होना चाहेगा।
उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शासनकाल की तारीफ करते हुए कहा कि नीतीश कुमार को जनता का अपार समर्थन मिला है। उनकी सोच बिल्कुल नई है। बिहार में औद्योगिक क्रांति लाने के प्रयास हो रहे हैं।
वहीं, टीएमसी से निलंबित विधायक हुमायूं कबीर द्वारा बाबरी मस्जिद की नींव रखे जाने पर भाजपा नेता डॉ. धर्मशीला गुप्ता ने तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में ममता दीदी के इशारे पर राजनीतिक गुंडे काम करते हैं। समाज के कमजोर तबकों को निशाना बनाया जाता है, लोगों को उनके घरों से बेदखल किया जाता है, और महिलाओं के खिलाफ अपराध भी बेरोकटोक हो रहे हैं। हुमायूं कबीर द्वारा बाबरी मस्जिद की नींव रखना पूरी तरह राष्ट्रीय हित के खिलाफ है। भारत सनातन संस्कृति और सभ्यता वाला हिन्दू राष्ट्र है। हुमायूं कबीर ने जो नींव रखी है, वह गलत है। यह राम राज्य है, बाबर का देश नहीं है। जो लोग इसका समर्थन करेंगे, वे देशद्रोही कहलाएंगे।
गीता पाठ अभियान पर उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में गीता पाठ की बहुत जरूरत है ताकि ममता दीदी को सुबुद्धि आए। महिला मुख्यमंत्री होने के बावजूद वहां महिलाओं पर अत्याचार की घटनाएं लगातार हो रही हैं। आम जनता परेशान है। एनडीए गठबंधन की ओर से गीता पाठ कराया जा रहा है। ममता और उनकी पार्टी को इससे सीख लेनी चाहिए। अगर विपक्षी दल भी गीता का सार ग्रहण कर लें तो उनके लिए भी अच्छा होगा।
उन्होंने तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी बुद्धि भ्रष्ट हो चुकी है। वे लोकतंत्र का अपमान कर रहे हैं। उनके माता-पिता ने अपहरण उद्योग चलाया था, न जाने कितने घोटाले किए। जनता सब जानती है, इसलिए वे इस तरह के बयान दे रहे हैं और विदेश घूमने चले गए हैं। बिहार की जनता ने तेजस्वी यादव को प्रदेश की राजनीति से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। अब उनका राजनीतिक भविष्य पूरी तरह असुरक्षित है।