क्या आपराधिक छवि वालों को संवैधानिक पद से हटाने वाले विधेयक से पारदर्शी व्यवस्था स्थापित होगी? : कृष्णा हेगड़े

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क्या आपराधिक छवि वालों को संवैधानिक पद से हटाने वाले विधेयक से पारदर्शी व्यवस्था स्थापित होगी? : कृष्णा हेगड़े

सारांश

कृष्णा हेगड़े ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा पेश किया गया विधेयक संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों की पारदर्शिता को बढ़ावा देगा। यह विधेयक भ्रष्टाचार के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम है, जो देश में स्वच्छ प्रशासन की नींव रखेगा। जानिए इस विधेयक के पीछे का उद्देश्य और इसकी संभावित प्रभावशीलता।

Key Takeaways

  • भ्रष्टाचार के खिलाफ एक महत्वपूर्ण विधेयक प्रस्तुत किया गया है।
  • संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्तियों की पारदर्शिता बढ़ाने का प्रयास।
  • कृष्णा हेगड़े ने विधेयक की सराहना की है।
  • एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन की जीत की संभावना अधिक है।
  • विपक्ष की स्थिति कमजोर पड़ रही है।

मुंबई, 20 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। केंद्र सरकार ने संसद के मानसून सत्र में बुधवार को तीन महत्वपूर्ण विधेयक प्रस्तुत किए। इनमें से एक विधेयक संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्तियों की गिरफ्तारी से संबंधित है। शिवसेना प्रवक्ता कृष्णा हेगड़े ने इस विधेयक की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि यह कदम भ्रष्टाचार को समाप्त करने और पारदर्शी व्यवस्था स्थापित करने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।

कृष्णा हेगड़े ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में तीन महत्वपूर्ण विधेयक पेश किए। इनमें से एक विधेयक विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जिसके अनुसार यदि किसी प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री को कोर्ट से पांच साल से अधिक की सजा मिलती है और वह 30 दिन से अधिक जेल में रहते हैं, तो 31वें दिन उनका पद स्वतः समाप्त हो जाएगा। यह कदम भ्रष्टाचार को समाप्त करने और स्वच्छ एवं पारदर्शी व्यवस्था स्थापित करने में मील का पत्थर साबित होगा।

कृष्णा हेगड़े ने उपराष्ट्रपति पद के चुनाव पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि सीपी राधाकृष्णन एनडीए के उम्मीदवार हैं और वे भारी बहुमत से उपराष्ट्रपति का चुनाव जीतेंगे। इसमें कोई संदेह नहीं है क्योंकि लोकसभा और राज्यसभा दोनों में एनडीए के पास पर्याप्त संख्या बल है। राधाकृष्णन की प्रभावशाली छवि के कारण इंडी गठबंधन में टूट-फूट होगी। विपक्षी उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी को पहले कांग्रेस और एनसीपी ने ही नकारा था। सीपी राधाकृष्णन की जीत निश्चित है और इसे बड़ी जीत में बदलने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।

कृष्णा हेगड़े ने कहा कि सुदर्शन रेड्डी, पूर्व जज और गैर-राजनीतिक व्यक्ति हैं, जब गोवा के लोकायुक्त थे, तब कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस ने उनका विरोध किया था। उस समय कहा गया था कि वे भाजपा और तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के करीबी हैं। अब वही पार्टियां उन्हें उपराष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार बना रही हैं, जबकि पहले नकार चुकी थीं।

उन्होंने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन ओबीसी वर्ग से आते हैं, जिनकी छवि बहुत अच्छी है और 40 वर्षों से वे उत्कृष्ट कार्य कर रहे हैं। उनकी जीत निश्चित है।

Point of View

मैं कहता हूं कि यह विधेयक देश में पारदर्शिता और भ्रष्टाचार के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम है। यदि सही तरीके से लागू किया जाए, तो यह हमारे लोकतंत्र की नींव को मजबूत करेगा। हम सभी को इस दिशा में सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ना चाहिए।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

इस विधेयक का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इस विधेयक का मुख्य उद्देश्य भ्रष्टाचार को समाप्त करना और संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों की पारदर्शिता बढ़ाना है।
क्या यह विधेयक प्रभावी होगा?
यदि सही तरीके से लागू किया जाए, तो यह विधेयक निश्चित रूप से पारदर्शी व्यवस्था स्थापित करने में सहायक होगा।
कृष्णा हेगड़े का इस विधेयक पर क्या कहना है?
कृष्णा हेगड़े ने इस विधेयक को भ्रष्टाचार के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम बताया है।
क्या एनडीए के उम्मीदवार जीत पाएंगे?
सीपी राधाकृष्णन की जीत की संभावना बहुत अधिक है, क्योंकि एनडीए के पास पर्याप्त संख्या बल है।
सुदर्शन रेड्डी का क्या होगा?
सुदर्शन रेड्डी को पहले कांग्रेस और एनसीपी ने नकारा था, लेकिन अब उन्हें उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनाया गया है।