क्या सपा ने बार-बार सनातन का अपमान करने का ठेका ले रखा है? : महंत राजू दास

सारांश
Key Takeaways
- सपा नेता का बयान विवाद पैदा कर रहा है।
- राजू दास ने इसका विरोध किया है।
- कांवड़ यात्रा के दौरान सुरक्षा महत्वपूर्ण है।
- विपक्ष की राजनीति पर सवाल उठाए गए हैं।
- सामाजिक सहिष्णुता की आवश्यकता है।
अयोध्या, 2 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता एसटी हसन द्वारा आतंकवादियों और कांवड़ियों की तुलना करने पर साधु-संतों में गहरा आक्रोश है। इस संदर्भ में अयोध्या हनुमानगढ़ी के संत राजू दास ने बुधवार को सपा नेता के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया।
राजू दास ने एक वीडियो संदेश में कहा, "सपा नेता एसटी हसन का कांवड़ यात्रियों के बारे में दिया गया बयान अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। आतंकवादी संगठन और कांवड़ियों की तुलना करना बेहद गलत है। हमें यह महसूस होता है कि सपा ने सनातन का लगातार अपमान करने का ठेका ले रखा है।"
उन्होंने आगे कहा, "कांवड़ यात्री जिस मार्ग से गुजरते हैं, उस पर मांस और शराब की दुकानों का होना अनुचित है। सरकार की जो गाइडलाइन है, उसका कड़ाई से पालन होना चाहिए। 'हिंदू सेवा सुरक्षा संघ' इस नियम का पालन कराने की मांग करता है।"
संत ने कहा, "आपने देखा होगा कि अनेक खाद्य सामग्रियों में अशुद्धता की घटनाएं सामने आई हैं। कांवड़ यात्रा शांति से होती है और इसमें लाखों यात्री शामिल होते हैं। ऐसे में किसी भी प्रकार की घटना से बचने के लिए सरकार की गाइडलाइन का पालन होना अनिवार्य है। विपक्ष का इस मुद्दे पर राजनीति करना उचित नहीं है।"
विपक्ष पर तंज कसते हुए राजू दास ने कहा, "क्या विपक्ष कांवड़ यात्रियों को मांस खिलाने या शराब पिलाने की कोशिश कर रहा है? क्या यही उनकी मंशा है?"
इससे पहले, सपा नेता एसटी हसन ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए मुजफ्फरनगर में दुकानदार की पैंट उतराने की घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए आतंकियों और कांवड़ियों की तुलना की थी। उन्होंने कहा था, "क्या आम नागरिकों को दुकानदार की पैंट उतरवाने का अधिकार है? क्या पहलगाम में आतंकियों ने ऐसा नहीं किया था? इस प्रकार की हरकतें और आतंकियों के बीच क्या अंतर रह गया है?"