क्या सरकार मतदाता सूची में एसआईआर कराकर साजिश कर रही है: सपा?
सारांश
Key Takeaways
- एसआईआर को लेकर समाजवादी पार्टी की गंभीर चिंताएं हैं।
- नीतीश कुमार का वीडियो राजनीतिक विवाद का कारण बना।
- विपक्ष का आरोप है कि चुनाव वोट चोरी और एसआईआर के माध्यम से लड़ा जा रहा है।
नई दिल्ली, 16 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मतदाता सूची में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर विपक्षी दल सरकार पर तीखा हमला कर रहे हैं। समाजवादी पार्टी ने इसे सरकार की एक साजिश करार दिया है।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए एसआईआर को सरकार की साजिश बताया।
सपा सांसद पुष्पेंद्र सरोज ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के ईवीएम पर भरोसा जताने के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "ईवीएम पर भरोसा होना और न होना दो अलग बातें हैं। आज विपक्ष में रहकर चुनाव नहीं लड़ा जा सकता; यह सिर्फ वोट चोरी का मामला नहीं है, बल्कि एसआईआर और इलेक्ट्रोरल बॉन्ड का भी है। भाजपा के पास 10,000 करोड़ से ज्यादा का फंड है, जबकि विपक्ष के पास केवल 100 से 200 करोड़ का फंड है। कहीं न कहीं चुनाव भी वोट चोरी और एसआईआर के आधार पर लड़ा जा रहा है।"
उन्होंने आगे कहा, "जहां तक वोट चोरी का सवाल है, विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा है कि इस मुद्दे पर उनकी जो प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई थी, उस पर सदन में चर्चा होनी चाहिए। इस पर व्यापक चर्चा होनी चाहिए ताकि सब कुछ स्पष्ट हो सके।"
सपा सांसद पुष्पेंद्र सरोज ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के उस वायरल वीडियो पर तीखी प्रतिक्रिया दी, जिसमें वे एक महिला का हिजाब खींचते हुए नजर आ रहे हैं। उन्होंने कहा, "यह एक बहुत ही निंदनीय घटना है। वे एक बड़े प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं और लंबे समय से हैं। चुनाव से पहले और अब भी ऐसी बातें चल रही हैं कि शायद उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है। हालिया घटना तो सीधे तौर पर किसी के धर्म के साथ खिलवाड़ करने की है।"
उन्होंने कहा, "महिला का हिजाब खींचने के लिए नीतीश कुमार को माफी मांगनी चाहिए और मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना चाहिए।"