क्या 'सिंगल पापा' सीरीज गलत धारणाओं को तोड़ती है? आयशा रजा और कुणाल खेमू का क्या कहना है?

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क्या 'सिंगल पापा' सीरीज गलत धारणाओं को तोड़ती है? आयशा रजा और कुणाल खेमू का क्या कहना है?

सारांश

नेटफ्लिक्स की नई सीरीज 'सिंगल पापा' सिंगल पेरेंटिंग की चुनौतियों पर आधारित है। आयशा रजा और कुणाल खेमू की नजरों से जानें कि कैसे यह सीरीज सामाजिक धारणाओं को तोड़ती है और एक नई सोच को प्रस्तुत करती है। क्या यह आपको सोचने पर मजबूर कर देगी?

Key Takeaways

  • सिंगल पेरेंटिंग की सामाजिक चुनौतियाँ
  • युवाओं के लिए संवेदनशीलता की आवश्यकता
  • परिवारों के लिए भावनात्मक जुड़ाव
  • पुरुषों और महिलाओं के लिए समभाव की धारणा
  • कॉमेडी और भावनाएं एक साथ

मुंबई, 1 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। सिंगल पेरेंटिंग को हमेशा से सामाजिक दृष्टिकोण से एक चुनौती माना गया है। जब कोई माता या पिता अकेले बच्चे की जिम्मेदारी उठाते हैं, तो समाज उनकी क्षमता पर प्रश्न उठाता है, चाहे वह पुरुष हो या महिला। ऐसे परिप्रेक्ष्य में, नेटफ्लिक्स की नई सीरीज 'सिंगल पापा' एक नई सोच और संवेदनशील दृष्टिकोण लेकर आई है।

यह सीरीज न केवल मनोरंजन करती है, बल्कि पारिवारिक रिश्तों की जटिलताओं और बदलती सामाजिक धारणाओं को बेहद हल्के लेकिन प्रभावी तरीके से दर्शाती है। इस संदर्भ में, अभिनेत्री आयशा रजा मिश्रा और अभिनेता कुणाल खेमू ने राष्ट्र प्रेस के साथ अपने अनुभव और विचार साझा किए।

राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए, आयशा रजा मिश्रा ने कहा, ''सिंगल पैरेंटिंग को लेकर समाज में कई तरह की धारणाएँ हैं। लोग अक्सर यह मान लेते हैं कि कुछ काम केवल महिलाओं के लिए होते हैं, जैसे बच्चों का पालन-पोषण या घर की देखभाल। इसी तरह कुछ लोग यह भी मानते हैं कि पुरुष अकेले बच्चे को नहीं पाल सकते क्योंकि उनके पास 'मां जैसी कोमलता' नहीं होती। यह फिल्म इन सभी धारणाओं को पूरी तरह से गलत साबित करती है।''

उन्होंने कहा, ''किसी भी व्यक्ति की क्षमता उसके जेंडर से तय नहीं होती, बल्कि उसके इरादों, जिम्मेदारी और मेहनत से निर्धारित होती है। इसलिए यह मानना कि केवल महिलाएं बच्चे की सही देखभाल कर सकती हैं या पुरुष ऐसा नहीं कर सकते, दोनों ही बातें समाज के बनाए हुए झूठे ढांचे हैं।''

आयशा कहती हैं, '''सिंगल पापा' में इन मुद्दों को भारी-भरकम तरीके से नहीं दिखाया गया है, बल्कि इसे एक परिवार के नजरिए से प्रस्तुत किया गया है। यह सीरीज एक ऐसे परिवार की कहानी है जो अचानक एक अनोखी स्थिति में फंसता है और फिर उससे निपटने की कोशिश करता है। यह कहानी केवल चुनौतियों के बारे में नहीं है, बल्कि उन भावनाओं और उलझनों के बारे में है, जिनसे परिवार एक साथ गुजरता है। यही चीज इस शो को खास बनाती है। यह दर्शकों को हंसाने के साथ-साथ सोचने पर भी मजबूर करती है।''

वहीं, अभिनेता कुणाल खेमू, जो इस सीरीज के मुख्य किरदार गौरव गहलोत का रोल निभा रहे हैं, ने राष्ट्र प्रेस के साथ बातचीत में कहा, ''यह प्रोजेक्ट मेरे लिए बेहद खास रहा। शो के निर्माताओं ने जब मुझे कहानी का पहला एपिसोड सुनाया, तो मैं तुरंत इससे जुड़ाव महसूस करने लगा। यह कहानी न केवल मनोरंजक है, बल्कि भावनात्मक रूप से भी गहरी है। यह उन प्रोजेक्ट्स में से एक था जिसे मैंने बिना ज्यादा सोच-विचार के 'हां' कहा है।''

कुणाल ने कहा, ''नेटफ्लिक्स एक ऐसी सीरीज बनाना चाहता था जो हल्की-फुल्की हो, जिसमें कॉमेडी हो, लेकिन वह केवल मजेदार होने तक सीमित न रह जाए। यदि किसी कहानी में हंसी के साथ-साथ दिल को छू लेने वाली भावनाएं भी हों, तो वह दर्शकों के साथ एक गहरा संबंध बना लेती है। 'सिंगल पापा' भी ऐसी ही कहानी है।''

उन्होंने कहा, ''सीरीज में मेरा किरदार गौरव गहलोत एक ऐसा इंसान है जो भावनात्मक रूप से अभी भी बढ़ रहा है। तलाक के तुरंत बाद उसका बच्चा गोद लेने का फैसला परिवार के लिए एक झटका जैसा होता है। यहीं से शुरू होता है कहानी का असली मजा।''

सीरीज में मनोज पाहवा और प्राजक्ता कोली भी महत्वपूर्ण भूमिकाओं में नजर आएंगे। 'सिंगल पापा' 12 दिसंबर को नेटफ्लिक्स पर रिलीज होने जा रही है।

Point of View

जो सिंगल पेरेंटिंग के प्रति समाज की पूर्वाग्रहित धारणाओं को चुनौती देती है। आयशा रजा और कुणाल खेमू के विचार इस विषय पर एक समृद्ध संवाद का निर्माण करते हैं, जो दर्शकों को सोचने पर मजबूर करता है।
NationPress
12/12/2025

Frequently Asked Questions

सिंगल पापा सीरीज कब रिलीज होगी?
सीरीज 'सिंगल पापा' 12 दिसंबर को नेटफ्लिक्स पर रिलीज होने जा रही है।
इस सीरीज में कौन-कौन से कलाकार हैं?
इस सीरीज में आयशा रजा मिश्रा, कुणाल खेमू, मनोज पाहवा और प्राजक्ता कोली जैसे कलाकार शामिल हैं।
क्या यह सीरीज केवल मनोरंजन के लिए है?
नहीं, यह सीरीज सामाजिक धारणाओं को चुनौती देते हुए एक नई सोच को प्रस्तुत करती है।
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