क्या एसआईआर अभियान को लेकर भ्रम फैलाना विपक्ष की पुरानी रणनीति है?: चिराग पासवान

सारांश
Key Takeaways
- चिराग पासवान ने कहा कि विपक्ष का भ्रम फैलाना पुरानी रणनीति है।
- विपक्ष ने पहले भी लोकसभा चुनावों में ऐसे आरोप लगाए हैं।
- उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए।
- कांग्रेस के नेता भी इस मुद्दे पर अपनी चिंताएं व्यक्त कर रहे हैं।
- मतदाता सूची में नाम हटाने को लेकर गंभीर आरोप हैं।
नई दिल्ली, २२ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के संदर्भ में केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने कहा कि विपक्ष द्वारा फैलाया जा रहा भ्रम उनकी पुरानी राजनीतिक रणनीति का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि विपक्ष हमेशा ऐसे मुद्दों पर भ्रम पैदा करने की कोशिश करता है।
चिराग पासवान ने आगे कहा कि यह समझ से परे है कि जब सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है, तो विपक्ष संसद को चलने नहीं देना चाहता। उन्होंने कहा कि भ्रम फैलाना विपक्ष की पुरानी रणनीति रही है, जैसे कि पिछले लोकसभा चुनावों में जब उन्होंने कहा था कि संविधान खतरे में है और आरक्षण वापस लिया जाएगा। सीएए के समय भी ऐसा ही हुआ था, जब मुस्लिम समुदाय में भ्रम उत्पन्न किया गया। वर्तमान में भी ऐसा ही हो रहा है। राजनीतिक दलों के पास बीएलए (बूथ लेवल एजेंट) हैं, और यदि दस्तावेज़ीकरण में कोई समस्या है, तो वे मदद कर सकते हैं।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर चिराग पासवान ने कहा कि इस मामले को राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए, क्योंकि हम ऐसे व्यक्ति के बारे में बात कर रहे हैं जो भारत के उपराष्ट्रपति रहे हैं। उनका मानना है कि ऐसे मामलों का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए।
कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि वह उपराष्ट्रपति के इस्तीफे पर हैरान हैं। उनके साथ अच्छे संबंध थे, और यह कदम उनके समझ से परे है। यह निश्चित रूप से बहुत आश्चर्यजनक है। आने वाले दिनों में इसका कारण स्पष्ट होगा।
बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर जेडीयू सांसद संजय कुमार झा ने कहा कि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से अपने दस्तावेज़ जमा किए और मतदाता सूची में अपने नाम को अपडेट करने के लिए आवेदन किया है। सभी लोग यह कार्य कर रहे हैं।
कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने कहा कि चुनाव आयोग भाजपा के एजेंट की तरह कार्य कर रहा है और हमें इस पर जोर देने के लिए मजबूर होना पड़ा।
कांग्रेस सांसद जोथिमणि ने कहा कि जिन लोगों को लगता है कि वे भाजपा को वोट नहीं देंगे, उनके नाम मतदाता सूची से हटा दिए जा रहे हैं। यह एक चिंताजनक स्थिति है।