क्या एसआईआर के तहत नाम जोड़ने या हटाने से पहले सत्यापन आवश्यक है?
सारांश
Key Takeaways
- सत्यापन के बिना नाम जोड़ना या हटाना उचित नहीं है।
- चुनाव आयोग को निष्पक्षता से कार्य करना चाहिए।
- मतदाता सूची में गड़बड़ियों की पहचान आवश्यक है।
- लोकतंत्र में मतदान हर नागरिक का अधिकार है।
- सतर्क रहना हमारी जिम्मेदारी है।
मुंबई, 4 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अबू आजमी ने मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की।
उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी का यही कहना है कि कोई भी गलत काम न हो। बिहार, बंगाल और उत्तर प्रदेश के लोग, पूरे देश के लोग, विदेश या दूसरी जगहों पर काम करने के लिए अपने घर-गांव छोड़कर जाते हैं। यदि आप उनके नाम की जांच करते हैं और केवल इसलिए कि वे काम के लिए बाहर गए हैं, उन्हें वोटर लिस्ट से हटा देते हैं, तो यह उचित नहीं है। पूरी प्रक्रिया को सही तरीके से पूरा किया जाना चाहिए और सत्यापन के बाद ही कोई नाम जोड़ा या हटाया जाना चाहिए।
सपा नेता ने कहा कि देश में इस मुद्दे पर हंगामा मचा हुआ है कि चुनाव आयोग पूरी तरह से सरकार की कठपुतली बन गया है। राहुल गांधी ने तो यहां तक कह दिया कि जिस घर में केवल दो लोग रहते हैं, वहां वोटर लिस्ट में 80 नाम हैं। ऐसी कई गड़बड़ियां उजागर हुई हैं।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में अपराजेय माने जाने वाले नेता हार चुके हैं। वहां कांग्रेस का पूरी तरह से सफाया हो गया है। मुद्दा यह है कि वोटर लिस्ट में गलत नाम हैं, जिससे फर्जी वोटिंग हो रही है।
महाराष्ट्र कांग्रेस नेता नाना पटोले ने एसआईआर को लेकर कहा कि केंद्र सरकार भारत के चुनाव आयोग के माध्यम से वोट हासिल करने की कोशिश कर रही है। इसलिए, एसआईआर के दौरान जनता को इन मुद्दों के बारे में सूचित करना आवश्यक है। वरना, वे मृतकों के नाम जोड़कर और जीवित मतदाताओं के नाम हटा कर वोटों में हेराफेरी कर सकते हैं। यदि ऐसा होता है, तो यह पूरी तरह से गलत होगा। चुनाव के दिन हमें ऐसे मामलों में सतर्क और सजग रहना चाहिए। यह हमारी जिम्मेदारी है।
वहीं, कर्नाटक के उप-मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने कहा कि लोकतंत्र में मतदान हर नागरिक का सर्वोच्च अधिकार है, हमारा वोट, हमारा अधिकार। मैं देश के सभी लोगों से अनुरोध करता हूं कि वे मतदान करें और चुनाव में सक्रिय रूप से भाग लें।
उन्होंने कहा कि हर आम आदमी की इच्छा होती है कि वह अपनी पसंद की पार्टी को वोट दे। पार्टी अध्यक्ष और कांग्रेस पार्टी के नेता होने के नाते, यह मेरा कर्तव्य है कि मैं उनसे इस अधिकार का प्रयोग करने की अपील करूं।