क्या एसआईआर प्रक्रिया पारदर्शी नहीं है, जनता और विपक्ष का भरोसा टूट रहा है?

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क्या एसआईआर प्रक्रिया पारदर्शी नहीं है, जनता और विपक्ष का भरोसा टूट रहा है?

सारांश

लखनऊ में सपा नेता फखरुल हसन चांद ने एसआईआर प्रक्रिया को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया से विपक्षी मतदाताओं का नाम हटाया गया है, जिससे लोकतंत्र को खतरा है। क्या यह वास्तव में पारदर्शी है?

Key Takeaways

  • एसआईआर प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी है।
  • विपक्षी मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटाए गए हैं।
  • चुनाव आयोग की भूमिका पर गंभीर सवाल उठे हैं।
  • लोकतंत्र के लिए यह एक बड़ा खतरा है।
  • सपा इस प्रक्रिया के खिलाफ है।

लखनऊ, 2 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता फखरुल हसन चांद ने आरोप लगाया है कि बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया के तहत विपक्षी समर्थकों के मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं।

उन्होंने राष्ट्र प्रेस से बातचीत के दौरान कहा कि इस प्रक्रिया में व्यापक स्तर पर मतदाताओं को टारगेट किया गया है, जो लोकतंत्र के लिए एक गंभीर खतरा है। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी सपा समर्थकों के नाम मतदाता सूची से हटा दिए गए थे, और इसके खिलाफ सबूत होने के बावजूद चुनाव आयोग ने कोई कार्रवाई नहीं की।

चांद ने बताया कि चंडीगढ़ में एक अधिकारी को धोखाधड़ी करते हुए पकड़ा गया था, लेकिन चुनाव आयोग ने इस मामले में भी कोई कदम नहीं उठाया, जिससे मामला सुप्रीम कोर्ट के पास पहुंचा।

उन्होंने एसआईआर प्रक्रिया और चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह प्रक्रिया पारदर्शी नहीं है और इससे जनता और विपक्ष का विश्वास टूट रहा है। ड्राफ्ट मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर नाम काटने के मुद्दे पर उन्होंने चिंता जताई और कहा कि यदि बूथ स्तर पर निष्पक्ष सत्यापन होता है, तो उनकी पार्टी इसका समर्थन करेगी। हालांकि, एसआईआर प्रक्रिया पर गंभीर प्रश्न हैं, और सपा का मानना है कि हटाए गए अधिकांश नाम विपक्षी मतदाताओं के हैं।

मालेगांव ब्लास्ट मामले में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के बयान पर उन्होंने कहा कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता है। देश संविधान के अनुसार चलता है और यहां एक न्यायिक प्रक्रिया है, जिसके तहत फैसला आया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाराणसी दौरे पर उन्होंने कहा कि वाराणसी में जलभराव और ट्रैफिक की समस्या आज भी बनी हुई है, जो किसी से छिपी नहीं है। उन्होंने शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र की समस्याओं का भी जिक्र किया और पूछा कि उन वादों का क्या हुआ जो यहां की जनता से किए गए थे।

Point of View

तो इससे केवल जनहित को नुकसान होगा। हमें एक ऐसी प्रणाली की आवश्यकता है जो सभी नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करे।
NationPress
03/08/2025

Frequently Asked Questions

एसआईआर प्रक्रिया क्या है?
एसआईआर प्रक्रिया विशेष गहन पुनरीक्षण है, जो मतदाता सूची के सुधार के लिए लागू की जाती है।
क्या एसआईआर प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी है?
सपा नेता फखरुल हसन चांद के अनुसार, इस प्रक्रिया में विपक्षी समर्थकों के नाम हटाए गए हैं, जिससे पारदर्शिता पर सवाल उठते हैं।
क्या चुनाव आयोग ने कोई कार्रवाई की?
चांद के अनुसार, चुनाव आयोग ने कई मामलों में कोई कार्रवाई नहीं की, जिससे जनता का विश्वास टूट रहा है।