क्या सोलर एनर्जी क्षमता के साथ बैटरी स्टोरेज कैपेसिटी का विस्तार आवश्यक है? : अजय माथुर

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क्या सोलर एनर्जी क्षमता के साथ बैटरी स्टोरेज कैपेसिटी का विस्तार आवश्यक है? : अजय माथुर

सारांश

क्या सोलर एनर्जी की बढ़ती क्षमता के साथ बैटरी स्टोरेज की आवश्यकता भी बढ़ रही है? अजय माथुर के मुताबिक, यह एक आवश्यक कदम है। जानिए इस पर उनके विचार और भारत की रिन्यूएबल एनर्जी की दिशा में उठाए जा रहे कदम।

Key Takeaways

  • सोलर एनर्जी की बढ़ती क्षमता के साथ बैटरी स्टोरेज का विस्तार आवश्यक है।
  • भारत 2030 तक 500 गीगावाट रिन्यूएबल एनर्जी का लक्ष्य रखता है।
  • राजस्थान, गुजरात और कर्नाटक सोलर कैपेसिटी में अग्रणी राज्य हैं।
  • सोलर, विंड और स्टोरेज पर ध्यान केंद्रित करना अनिवार्य है।
  • पिछले साल में सोलर, विंड और स्टोरेज की बिजली की कीमतें कम रही हैं।

नई दिल्ली, 8 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। इंटरनेशनल सोलर एलायंस के पूर्व डीजी और आईआईटी दिल्ली में प्रोफेसर अजय माथुर ने स्पष्ट किया है कि सोलर एनर्जी क्षमता के साथ बैटरी स्टोरेज कैपेसिटी का विस्तार करना आवश्यक है।

समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए अजय माथुर ने बताया कि देश में सोलर एनर्जी की क्षमता तेजी से बढ़ रही है। सोलर एनर्जी का उत्पादन दिन में होता है, जबकि इसका उपयोग रात में अधिक होता है। इसलिए, बैटरी स्टोरेज कैपेसिटी को बढ़ाना अनिवार्य है।

उन्होंने आगे कहा कि पिछले वर्ष में हुए ऑक्शन में सोलर, विंड और स्टोरेज से आने वाली बिजली की कीमत 5 रुपए प्रति यूनिट से कम रही है, जबकि नए कोयला प्लांट्स से उत्पन्न बिजली की कीमत 5 रुपए से अधिक रही है।

इस स्थिति के कारण अब हमें सोलर, विंड और स्टोरेज पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

माथुर ने कहा कि 2030 तक भारत आसानी से 500 गीगावाट के रिन्यूएबल एनर्जी के लक्ष्य को पार कर लेगा।

केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) के अनुसार, भारत की कुल रिन्यूएबल एनर्जी इंस्टॉल्ड कैपेसिटी में दिसंबर 2024 तक 15.84 प्रतिशत की वृद्धि होगी, जो दिसंबर 2023 में 180.80 गीगावाट से बढ़कर अब 209.44 गीगावाट हो गई है।

इस दौरान, सोलर एनर्जी सेक्टर ने 24.54 गीगावाट की वृद्धि के साथ इस विकास का नेतृत्व किया है, जो इसकी क्यूमलेटिव इंस्टॉल्ड कैपेसिटी में 33.47 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है, जो 2023 में 73.32 गीगावाट से बढ़कर 2024 में 97.86 गीगावाट हो गई है।

पिछले कुछ वर्षों में भारत एनर्जी ट्रांजिशन में दुनिया के नेताओं में से एक के रूप में उभरा है और 2030 तक 500 गीगावाट रिन्यूएबल एनर्जी कैपेसिटी जोड़ने का लक्ष्य रखा है, जिसमें सोलर एनर्जी इसकी प्राप्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

राजस्थान, गुजरात और कर्नाटक सोलर कैपेसिटी वृद्धि में अग्रणी राज्य बनकर उभरे हैं, जबकि शीर्ष 10 राज्यों में कुल इंस्टॉलेशन का 94 प्रतिशत हिस्सा है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि भारत को अपनी एनर्जी ट्रांजिशन को गति देने के लिए सोलर एनर्जी और बैटरी स्टोरेज पर ध्यान केंद्रित करना होगा। यह न केवल ऊर्जा की आवश्यकताओं को पूरा करेगा, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा।
NationPress
18/07/2025

Frequently Asked Questions

सोलर एनर्जी क्या है?
सोलर एनर्जी सूर्य की किरणों से उत्पन्न ऊर्जा है, जिसे बिजली बनाने के लिए उपयोग किया जाता है।
बैटरी स्टोरेज की आवश्यकता क्यों है?
बैटरी स्टोरेज की आवश्यकता इसलिए है ताकि सोलर एनर्जी का उपयोग रात में भी किया जा सके।
भारत में सोलर एनर्जी की स्थिति क्या है?
भारत में सोलर एनर्जी की क्षमता तेजी से बढ़ रही है और यह रिन्यूएबल एनर्जी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुकी है।
2030 तक भारत का रिन्यूएबल एनर्जी लक्ष्य क्या है?
2030 तक भारत का लक्ष्य 500 गीगावाट रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता जोड़ना है।
बैटरी स्टोरेज की कितनी क्षमता होनी चाहिए?
बैटरी स्टोरेज की क्षमता का विस्तार करना आवश्यक है ताकि सोलर एनर्जी का पूरे दिन उपयोग किया जा सके।