क्या सोनम वांगचुक का विश्वास अटल है, सत्य की जीत होगी?
सारांश
Key Takeaways
- सोनम वांगचुक का विश्वास न्याय प्रणाली में है।
- एनएसए के तहत कार्रवाई सवालों के घेरे में है।
- लोकतंत्र में सभी की आवाज महत्वपूर्ण होती है।
- सत्य और न्याय के मूल्यों का सम्मान होना चाहिए।
- समर्थन करने वालों के प्रति आभार व्यक्त किया गया।
लेह, 26 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। लद्दाख में 24 सितंबर को हुई हिंसा के चलते सोनम वांगचुक के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के अंतर्गत की गई कार्रवाई पर उनकी पत्नी गीतांजलि अंगमो ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक आधिकारिक पोस्ट साझा की है।
गीतांजलि ने अपने आधिकारिक 'एक्स' पोस्ट में उल्लेख किया, "24 सितंबर को हुई बैठक में वांगचुक ने एडवाइजरी बोर्ड के समक्ष अपने पक्ष में कई महत्वपूर्ण बिंदु प्रस्तुत किए। उन्होंने बताया कि उन्हें गलत तरीके से और बिना उचित कारण के नजरबंद किया गया। वांगचुक ने यह भी कहा कि उनके वीडियो और बयानों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया, जिससे प्रशासन ने यह धारणा बनाई कि उन्होंने कानून-व्यवस्था को भड़काने का कार्य किया है।"
गीतांजलि ने बताया कि वांगचुक ने एडवाइजरी बोर्ड को स्पष्ट रूप से समझाया कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप न केवल न्याय का मजाक हैं, बल्कि भारतीय लोकतंत्र की मूल भावना के खिलाफ भी हैं। उन्होंने कहा, "यह एक न्यायिक त्रासदी है और भारतीय लोकतंत्र का मजाक उड़ाने जैसा है।"
हालांकि इन तमाम आरोपों और चुनौतियों के बावजूद, वांगचुक पूरी तरह शांत और दृढ़ बने रहे। उन्होंने बैठक में कहा, "इंसाफ के घर देर है, पर अंधेर नहीं। सत्य की जीत निश्चित है।"
उन्होंने आगे कहा कि उन्हें न्याय व्यवस्था पर पूर्ण विश्वास है और जल्द ही सच्चाई सबके सामने आएगी। वांगचुक ने समर्थन दे रहे लोगों के प्रति अपनी गहरी कृतज्ञता व्यक्त की।
उन्होंने कहा कि देशभर से जो लोग सत्य, न्याय और अहिंसा के मूल्यों के साथ खड़े हैं, वही लोकतंत्र की असली ताकत हैं।
गीतांजलि अंगमो ने अपने आधिकारिक 'एक्स' पोस्ट के अंत में लिखा, "वांगचुक अडिग हैं। उनका विश्वास अटल है कि 'सत्यमेव जयते' - सत्य की ही जीत होगी।"