क्या 'उदयपुर फाइल्स' को रिलीज नहीं होना चाहिए? अबू आजमी ने उठाए सवाल

सारांश
Key Takeaways
- अबू आजमी ने फिल्म पर सवाल उठाए हैं।
- नफरत फैलाने वाली फिल्मों का विरोध जरूरी है।
- अदालत में रोक की मांग की गई है।
- समुदायों के बीच सौहार्द बनाए रखना आवश्यक है।
- नुपूर शर्मा को घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है।
नई दिल्ली/मुंबई, 9 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। कन्हैया लाल हत्याकांड पर आधारित फिल्म 'उदयपुर फाइल्स' पर विवाद गहराने लगा है। समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी ने बुधवार को इस फिल्म पर कई सवाल उठाए। उन्होंने रिलीज पर रोक की मांग करते हुए कहा कि इस तरह की फिल्मों से समुदायों के बीच नफरत उत्पन्न होती है।
समाजवादी पार्टी की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष अबू आजमी ने मुंबई में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, "ऐसी फिल्में रिलीज नहीं होनी चाहिए, जो दो समुदायों के बीच नफरत पैदा करती हैं।"
उन्होंने यह भी कहा, "यदि फिल्म को सेंसर बोर्ड ने पास कर दिया है, तो भी सरकार को कानून व्यवस्था के मद्देनजर इसे रोकने का अधिकार है।"
अबू आजमी ने स्पष्ट किया, "हमें नफरत को समाप्त करना है। उदयपुर में हुई टेलर की हत्या एक अत्यंत घिनौनी घटना थी।"
हालांकि, उन्होंने इस घटना के लिए नुपूर शर्मा को जिम्मेदार ठहराया। उनका कहना था, "नुपूर शर्मा के दिए बयान के चलते यह सब हुआ।"
अबू आजमी ने कहा, "नफरत फैलाने वाले और किसी धर्म के खिलाफ बोलने वाले लोगों के कारण देश में अशांति बनी हुई है। मैंने बार-बार कहा है कि ऐसी फिल्में नहीं आनी चाहिए, जो दो समुदायों के बीच नफरत को बढ़ावा देती हैं। इस फिल्म को भी रोका जाना चाहिए।"
'उदयपुर फाइल्स' पर रोक की मांग को लेकर अदालत का दरवाजा भी खटखटाया गया है। दिल्ली हाईकोर्ट में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष अरशद मदनी ने 'उदयपुर फाइल्स' की रिलीज को चुनौती दी है। बुधवार को याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने सुझाव दिया कि याचिकाकर्ता के वकील के लिए फिल्म की स्पेशल स्क्रीनिंग की जाए। गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट इस मामले पर फिर से सुनवाई करेगा।