क्या उत्तराखंड में प्राकृतिक विपदा को दूसरे धर्म के तिरस्कार का परिणाम बताना उचित है?

Click to start listening
क्या उत्तराखंड में प्राकृतिक विपदा को दूसरे धर्म के तिरस्कार का परिणाम बताना उचित है?

सारांश

भाजपा नेता प्रवीण खंडेलवाल ने उत्तराखंड की प्राकृतिक त्रासदी को दूसरे धर्म के तिरस्कार का परिणाम बताने की कड़ी आलोचना की है। उनका कहना है कि प्राकृतिक आपदाएं प्रकृति की देन हैं और इन्हें किसी धर्म से जोड़ना अनुचित है। आइए जानें उनके विचारों के माध्यम से इस मामले की गहराई।

Key Takeaways

  • प्राकृतिक आपदाएं किसी धर्म से नहीं जुड़ी होतीं।
  • भाजपा नेता प्रवीण खंडेलवाल ने बेबुनियाद दावों की आलोचना की।
  • राहत कार्यों में सरकार की तत्परता महत्वपूर्ण है।
  • धार्मिक और भाषाई विवादों से बचने की आवश्यकता है।
  • सभी धर्मों का सम्मान जरूरी है।

नई दिल्ली, 9 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा नेता प्रवीण खंडेलवाल ने उत्तराखंड में आई प्राकृतिक त्रासदी को दूसरे धर्म के तिरस्कार का नतीजा बताए जाने की कड़ी आलोचना की। उन्होंने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में इन दावों को पूरी तरह से खारिज करते हुए कहा कि यह कहना कि त्रासदी का कारण "दूसरे धर्मों का सम्मान न करना" है, अवास्तविक और गलत है। प्राकृतिक आपदाएं प्रकृति की देन होती हैं और इन्हें किसी धर्म या समुदाय से जोड़ना अनुचित है।

उन्होंने कहा, "प्राकृतिक त्रासदियाँ कहीं भी, कभी भी हो सकती हैं। यह किसी धर्म के अपमान पर निर्भर नहीं करती हैं। यह कहना कि उत्तराखंड में किसी अन्य धर्म का सम्मान नहीं हो रहा है, जिससे यह आपदा उत्पन्न हुई, बिल्कुल गलत है।"

प्रवीण खंडेलवाल ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) शासित राज्यों का उदाहरण देते हुए कहा कि इन राज्यों में सभी धर्मों का समान रूप से सम्मान किया जाता है। कुछ लोग सनातन धर्म को अपमानित करने का अवसर नहीं छोड़ते, यह एक तथ्य है, लेकिन इसे आपदा से जोड़ना तर्कहीन है।

उत्तराखंड में राहत और बचाव कार्यों पर चर्चा करते हुए, उन्होंने कहा कि राज्य सरकार और प्रशासन पूरी मुस्तैदी से कार्यरत हैं। मुख्यमंत्री स्वयं स्थिति पर नजर रखे हुए हैं और बचाव कार्यों में कोई कमी नहीं छोड़ी जा रही है। त्रासदी से निपटने के लिए शासन-प्रशासन की चुस्ती और तत्परता महत्वपूर्ण है, न कि बेबुनियाद धार्मिक दावे।

इसके अलावा, उन्होंने भाषा विवाद पर भी अपनी राय व्यक्त की, खासकर तमिलनाडु और अन्य राज्यों में भाषा को लेकर उठ रहे मुद्दों पर। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले 11 वर्षों में सभी भारतीय भाषाओं, जिनमें तमिल भी शामिल है, को पूरा सम्मान दिया गया है। कुछ राज्य सरकारें विकास के मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए भाषा जैसे विवाद खड़े कर रही हैं।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए खंडेलवाल ने कहा कि राहुल गांधी द्वारा चुनावों में "वोट चोरी" और "फर्जी वोट" जैसे बयानों की कोई बुनियाद नहीं है। यदि कांग्रेस 70 साल तक सत्ता में रही, तो क्या वह भी वोट चोरी करके सत्ता में रही? राहुल गांधी को तथ्यों का अध्ययन करना चाहिए और बिना आधार के बयान देने से बचना चाहिए।

उन्होंने कहा कि इस समय जरूरत एकजुटता और सहानुभूति की है, न कि धार्मिक या भाषाई विवादों की। उत्तराखंड में चल रहे राहत कार्यों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार और प्रशासन की प्राथमिकता प्रभावित लोगों की मदद करना है।

Point of View

हमें यह समझना चाहिए कि प्राकृतिक आपदाएं एक जटिल विषय हैं जो मानवता के लिए एक बड़ी चुनौती प्रस्तुत करती हैं। ऐसे समय में, हमें सभी धर्मों के प्रति सम्मान बनाए रखना चाहिए और एकजुटता से काम करना चाहिए।
NationPress
09/08/2025

Frequently Asked Questions

उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदाओं का मुख्य कारण क्या है?
उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदाओं का मुख्य कारण भूगर्भीय गतिविधियाँ, मौसम परिवर्तन और मानवजनित कारक हैं।
भाजपा नेता प्रवीण खंडेलवाल का इस विषय पर क्या कहना है?
प्रवीण खंडेलवाल ने प्राकृतिक त्रासदी को दूसरे धर्म के तिरस्कार से जोड़ने के दावों को नकारते हुए कहा है कि यह पूरी तरह से बेबुनियाद है।