क्या 'वंदे मातरम्' आजादी की लड़ाई का मंत्र बना था? : नरेंद्र सिंह तोमर
सारांश
Key Takeaways
- वंदे मातरम् आजादी की लड़ाई का मंत्र है।
- इसकी 150वीं वर्षगांठ पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए।
- ग्वालियर में स्वदेशी अपनाने का संकल्प लिया गया।
- प्रधानमंत्री मोदी ने नई पीढ़ी को इसके महत्व से अवगत कराने का निर्णय लिया।
- युवाओं को बलिदान देने वाले वीर सपूतों की गाथाओं से परिचित कराया जाएगा।
ग्वालियर, 7 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रगीत वंदे मातरम् की 150वीं वर्षगांठ पर देशभर में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसी संदर्भ में मध्य प्रदेश के ग्वालियर में एक कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि वंदे मातरम् हमारे आजादी की लड़ाई का मंत्र बन गया था। ग्वालियर जिले में भी इस राष्ट्रगीत की वर्षगांठ को पूरे उत्साह और उमंग के साथ मनाया गया।
देशभक्ति से भरा “वंदे मातरम्” का मुख्य उत्सव बाल भवन में आयोजित हुआ। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष तोमर ने कहा, "राष्ट्रगीत वंदे मातरम् हमारे पूर्वजों के लिए आजादी के आंदोलन में एक सिद्ध मंत्र था। परतंत्रता की बेड़ियों को तोड़ने के लिए हमारे वीर सपूतों ने इस मंत्र का गान करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी थी।"
उन्होंने आगे कहा कि जिस प्रकार हम सभी को भगवान की पूजा अर्चना से ऊर्जा प्राप्त होती है और हमारा संकल्प मजबूत होता है, उसी प्रकार वंदे मातरम् के गान के माध्यम से हमारे पूर्वजों ने हमें स्वतंत्रता दिलाई।
विधानसभा अध्यक्ष तोमर ने यह भी कहा कि यदि हम आजादी के संघर्ष और बलिदानों को नहीं याद करेंगे, तो हम आजादी का महत्व नहीं समझ सकेंगे। यह सुखद है कि प्रधानमंत्री मोदी ने नई पीढ़ी को वंदे मातरम् के महत्व से अवगत कराने के लिए इसकी 150वीं वर्षगांठ को पूरे देश में समारोहपूर्वक मनाने का निर्णय लिया है।
ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि वंदे मातरम् की 150वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में हो रहे आयोजनों से राष्ट्रभक्ति की भावना को नई ऊर्जा मिलेगी। साथ ही युवा पीढ़ी बलिदान देने वाले वीर सपूतों की गाथाओं से परिचित होगी।
जिला स्तरीय समारोह में वंदे मातरम् का सामूहिक गान हुआ। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष तोमर ने सभी को स्वदेशी अपनाने का संकल्प दिलाया।