क्या विधानसभा चुनाव 2026 में डीएमके की प्रचंड जीत सुनिश्चित है?: सीएम स्टालिन
सारांश
Key Takeaways
- डीएमके की चुनावी ताकत बूथ स्तर पर है।
- कार्यकर्ताओं का समर्पण लोकतंत्र की ताकत है।
- आत्मसंतोष से बचने की आवश्यकता है।
- राजनीतिक माहौल का सही उपयोग करें।
- संगठनात्मक शक्ति सफलता की कुंजी है।
चेन्नई, 8 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और डीएमके के नेता एमके स्टालिन ने सोमवार को यह विश्वास व्यक्त किया कि 2026 के विधानसभा चुनावों में द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) एक बार फिर शानदार बहुमत के साथ सत्ता में लौटेगी। उन्होंने कहा कि पार्टी की असली ताकत बूथ स्तर पर कार्यरत संगठन है, जो चुनावी परिणामों को तय करेगा।
स्टालिन ने "माई पोलिंग स्टेशन-ए विनिंग पोलिंग स्टेशन" शीर्षक से आयोजित जिला सचिवों की वर्चुअल बैठक में भाग लिया। उन्होंने कहा कि डीएमके की चुनावी रणनीति का केंद्र बूथ-स्तरीय नेटवर्क है, जिसे अनुशासन और योजना के साथ सक्रिय करना होगा, ताकि जन समर्थन को मतों में बदला जा सके।
मुख्यमंत्री ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान में योगदान दे रहे पार्टी कार्यकर्ताओं की मेहनत की सराहना की। उन्होंने कहा, “हमारे कार्यकर्ता लोगों के मतदान अधिकार की रक्षा के लिए बिना किसी चिंता के दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। यही हमारे लोकतंत्र की असली ताकत है।”
स्टालिन ने अनुकूल राजनीतिक माहौल की चर्चा करते हुए कार्यकर्ताओं को ढिलाई न बरतने की चेतावनी दी। उन्होंने कहा, “अगर जीत निश्चित दिख रही है, तब भी किसी भी स्थिति में आत्मसंतोष नहीं होना चाहिए। अंतिम क्षण तक हर कैडर को पूरी ऊर्जा के साथ काम करना चाहिए।”
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की जांच एवं नियामक एजेंसियों जैसे सीबीआई, ईडी, और आयकर विभाग का राजनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है, ताकि डीएमके सरकार को कमजोर किया जा सके।
उन्होंने बताया कि विपक्ष झूठ और विकृत कथानक फैलाकर भ्रम की स्थिति पैदा कर रहा है, जबकि डीएमके का कर्तव्य है कि संगठनात्मक शक्ति और सत्य के माध्यम से इसका सामना करे।
स्टालिन ने दोहराया कि पार्टी की सफलता सामूहिक भावना पर निर्भर करती है। उन्होंने कहा, “राज्य नेतृत्व से लेकर अंतिम बूथ स्तर के कार्यकर्ता तक, हर व्यक्ति को मेरे समान गति और समर्पण के साथ काम करना चाहिए। यही हमारी जीत की कुंजी है।”
बैठक को डीएमके के चुनावी सक्रियण अभियान का हिस्सा माना जा रहा है, जिसमें बूथ प्रबंधन, मतदाता संपर्क और जन-मत नियंत्रण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। पार्टी नेतृत्व आगामी विधानसभा चुनावों से पहले अपने संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने में जुटा है।