क्या 'द लेडी सुपरस्टार' विजयशांति ने लाखों दिलों की 'लेडी अमिताभ' बनने का सफर तय किया?

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क्या 'द लेडी सुपरस्टार' विजयशांति ने लाखों दिलों की 'लेडी अमिताभ' बनने का सफर तय किया?

सारांश

क्या विजयशांति ने अपने अभिनय और संघर्ष के माध्यम से साउथ सिनेमा में एक नई पहचान बनाई? जानें उनकी कहानी और कैसे बनीं वो लाखों दिलों की 'लेडी अमिताभ'।

Key Takeaways

  • विजयशांति का संघर्ष प्रेरणादायक है।
  • उन्होंने महिला किरदारों की शक्ति को साबित किया।
  • सिनेमा में नए आयामों की खोज की।
  • उन्होंने राजनीति में भी अपनी छाप छोड़ी।
  • उनकी अदाकारी ने लाखों दिलों को जीता।

नई दिल्ली, 23 जून (राष्ट्र प्रेस)। साउथ फिल्म इंडस्ट्री में 'द लेडी सुपरस्टार' का खिताब किसी भी अभिनेत्री के लिए हासिल करना आसान नहीं होता। यह एक ऐसा सम्मान है, जिसके लिए न केवल हुनर की आवश्यकता होती है, बल्कि पुरानी धारणाओं को तोड़ने की हिम्मत, दमखम और एक अनोखे व्यक्तित्व की भी जरूरत होती है। इस खिताब को अपनी कड़ी मेहनत से एक्ट्रेस विजयशांति ने अपने नाम किया। उन्हें 'द लेडी सुपरस्टार' के साथ-साथ 'लेडी अमिताभ' के नाम से भी जाना जाता है। जिस तरह बॉलीवुड के सुपरस्टार अमिताभ बच्चन की फैन फॉलोइंग अद्भुत है, ठीक उसी प्रकार विजयशांति ने भी अपनी शानदार अदाकारी, जबरदस्त एक्शन और परफॉर्मेंस से दर्शकों के दिलों में एक विशेष स्थान बना लिया है।

80 के दशक में, जब फिल्म इंडस्ट्री में महिला कलाकारों को अक्सर सपोर्टिंग रोल या रोमांटिक किरदारों तक सीमित रखा जाता था, तब विजयशांति ने अपने मजबूत किरदारों के माध्यम से यह साबित कर दिया कि एक्ट्रेस सिर्फ कहानी को चमकाने के लिए नहीं होती, बल्कि वह कहानी में जान फूंकने का भी कार्य कर सकती हैं।

उस समय दक्षिण भारतीय सिनेमा में एक्शन हीरो मुख्यतः पुरुष होते थे, लेकिन विजयशांति ने पुरानी धारणाओं को तोड़ते हुए अपनी फिल्मों में 'सुपर कोप' का रोल निभाकर यह दिखाया कि महिलाएं किसी से कम नहीं हैं। 1990 में रिलीज हुई 'कर्तव्यम' में उन्होंने एक पुलिस ऑफिसर का किरदार निभाया, जो निडर होकर अपराधियों का सामना करती हैं। यह किरदार इतना पसंद किया गया कि इसे आज भी याद किया जाता है, और इसके लिए उन्हें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी प्राप्त हुआ।

विजयशांति ने अपने करियर की शुरुआत 14 साल की उम्र में की थी। उनके अंदर का जुनून उन्हें कम उम्र में ही बड़ी सफलताएं दिलाने लगा। उन्होंने 1980 में तमिल फिल्म 'कल्लुकूल इरम' से अपने अभिनय का सफर शुरू किया। इसी वर्ष उन्होंने तेलुगु फिल्मों में भी डेब्यू किया।

उन्होंने कई सुपरस्टार्स के साथ काम किया, जिसमें चिरंजीवी, रजनीकांत और कमल हासन शामिल हैं। इसके अलावा, वह कई हिंदी फिल्मों में भी नजर आईं।

विजयशांति ने राजनीति में भी कदम रखा। उन्होंने 1998 में भाजपा में शामिल होकर राजनीति में प्रवेश किया। वह 2014 में कांग्रेस में भी शामिल हुईं और 2020 में भाजपा फिर से ज्वाइन की।

Point of View

विजयशांति का करियर दर्शाता है कि कैसे एक महिला ने न केवल फिल्म इंडस्ट्री में बल्कि समाज में भी अपनी जगह बनाई। उनका संघर्ष और सफलता न केवल महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है, बल्कि यह दर्शाता है कि अगर मेहनत और लगन हो, तो कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।
NationPress
23/06/2025

Frequently Asked Questions

विजयशांति ने अपने करियर की शुरुआत कब की?
विजयशांति ने अपने करियर की शुरुआत 14 साल की उम्र में की थी।
विजयशांति को कौन सा पुरस्कार मिला?
उन्हें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला है।
विजयशांति ने राजनीति में कब कदम रखा?
उन्होंने 1998 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल होकर राजनीति में कदम रखा।
विजयशांति को 'लेडी अमिताभ' क्यों कहा जाता है?
उनकी अदाकारी और फैन फॉलोइंग के कारण उन्हें 'लेडी अमिताभ' कहा जाता है।
विजयशांति ने कितनी भाषाओं में काम किया?
उन्होंने तमिल, तेलुगू, मलयालम, कन्नड़ और हिंदी जैसी कई भाषाओं में काम किया।