क्या विकास का मुद्दा नहीं है? गृह मंत्री शाह के बयान पर कांग्रेस नेता शशिकांत सेंथिल
सारांश
Key Takeaways
- कांग्रेस नेता शशिकांत सेंथिल ने घुसपैठ के मुद्दे पर सरकार की आलोचना की।
- उन्होंने कहा कि आम जनता अब इस मुद्दे से थक चुकी है।
- बिहार एसआईआर में डी-डुप्लीकेशन प्रक्रिया को नजरअंदाज किया गया है।
- तमिलनाडु के विकास के लिए केंद्र का फंड कम किया जा रहा है।
- वोटर कार्ड की स्थिति ग्रामीणों के लिए महत्वपूर्ण है।
नई दिल्ली, 30 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। असम और बंगाल में घुसपैठ को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बयान पर कांग्रेस नेता शशिकांत सेंथिल ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि यह विकास का मुद्दा नहीं है। घुसपैठ के बारे में सुनकर जनता भी थक चुकी है।
राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कांग्रेस नेता ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह के पास केवल घुसपैठ का ही मुद्दा रहता है। उनके पास विकास करने का कोई मुद्दा नहीं है और न ही गरीबों की स्थिति सुधारने का कोई मुद्दा है। बस लोगों को बांटने का काम जारी है। चुनाव जीतने के लिए हथकंडे अपनाए जाते हैं, और बार-बार घुसपैठिए का बयान सुनकर जनता थक चुकी है।
उन्होंने एसआईआर को लेकर चुनाव आयोग को भी निशाने पर लिया। उनका कहना था कि एसआईआर की प्रक्रिया के दौरान चुनाव आयोग मल्टीपल यू टर्न ले रहा है।
उन्होंने कहा कि पहले, डुप्लीकेट वोटर एंट्री की पहचान के लिए एक डी-डुप्लीकेशन सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाता था। अगर कोई व्यक्ति एक से अधिक बूथ या जिले में रजिस्टर्ड पाया जाता था, तो वह सॉफ्टवेयर उस मैच को फ्लैग कर देता था। इसके बाद बीएलओ सामान्य निवास की जांच के लिए ज़मीनी वेरिफिकेशन करते थे। अगर वह सामान्य निवासी नहीं होता था, तो डुप्लीकेट एंट्री को हटा दिया जाता था। यह सॉफ्टवेयर हर साल के रिवीजन के दौरान चलाया जाता था। 2023 में लोकसभा चुनावों से पहले भी इसी प्रणाली का पालन किया गया था। हालांकि, लोकसभा चुनावों के बाद बिहार एसआईआर के दौरान, चुनाव आयोग ने इस डी-डुप्लीकेशन सॉफ्टवेयर का उपयोग न करने का निर्णय लिया, यह कहते हुए कि यह उतना प्रभावी नहीं था।
उन्होंने कहा कि बिहार एसआईआर बिना किसी डी-डुप्लीकेशन प्रक्रिया के किया गया। उन्होंने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया कि बिहार की वोटर लिस्ट में लगभग 14.5 लाख डुप्लीकेट एंट्री अभी भी हैं। चुनाव आयोग ने जिस प्रक्रिया की 2023 तक तारीफ की थी, उस पर अचानक रुख बदलना चिंताजनक है।
उन्होंने कहा कि गांवों में वोटर कार्ड बहुत आवश्यक है और यह हर व्यक्ति की पहचान है। अगर एक दिन आप अचानक आकर कहते हैं कि उनका वोट हटा दिया गया है, तो सोचिए, वह व्यक्ति कितना परेशान होगा। एसआईआर बहुत ही गैर-गंभीर तरीके से किया जा रहा है। बीएलओ को दो से तीन पर वेरिफाई करना होगा, लेकिन यह सब नहीं हो रहा है।
कांग्रेस नेता प्रवीण चक्रवर्ती के तमिलनाडु की कर्ज़ की स्थिति पर दिए गए बयान पर शशिकांत सेंथिल ने कहा कि पहले मैं एक तमिल होने के नाते कहना चाहता हूं कि अगर लोगों की भलाई करनी है तो चुप रहकर नहीं हो सकता है। इन्फ्रास्ट्रक्चर को सुधारना होगा। लेकिन, तमिलनाडु का फंड केंद्र की तरफ से काटा जा रहा है।