क्या 'विकसित भारत रोजगार योजना' से राहत मिलेगी, लेकिन ये होगा कैसे?: कांग्रेस नेता हुसैन दलवई

सारांश
Key Takeaways
- रोजगार सृजन की दिशा में ठोस कदम उठाना आवश्यक है।
- युवाओं को पहले नौकरी के लिए प्रोत्साहन राशि की जरूरत है।
- सरकार को आत्मनिर्भरता के लिए आवश्यक योजनाएं लागू करनी चाहिए।
- घुसपैठियों के खिलाफ कठोर कदम उठाना जरूरी है।
- योजना का कार्यान्वयन ही इसकी सफलता की कुंजी होगी।
मुंबई, 15 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले से 'प्रधानमंत्री विकसित भारत योजना' की घोषणा की। महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हुसैन दलवई ने इसे एक अच्छी योजना बताया, लेकिन उन्होंने यह सवाल उठाया कि ये होगा कैसे?
कांग्रेस नेता ने कहा कि योजना की घोषणा एक सकारात्मक कदम है। लेकिन, सवाल यह है कि रोजगार कैसे मिलेगा? पीएम मोदी ने जिस योजना की घोषणा की है; उनके पास कोई ठोस रोडमैप जरूर होगा। मुझे लगता है कि रोजगार प्रदान करना अत्यावश्यक है और इस पर ठोस प्रयास होने चाहिए। प्राइवेट सेक्टर में पहली नौकरी पाने वाले युवाओं को 15 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि देने से अधिक समाधान नहीं होगा।
कांग्रेस नेता ने पीएम मोदी के उस बयान पर भी प्रतिक्रिया दी जिसमें उन्होंने कहा कि भारत ने तय कर लिया है कि खून और पानी अब एक साथ नहीं बहेंगे। हुसैन दलवई ने कहा कि पीएम मोदी ने अपने भाषण में पाकिस्तान को ललकारा है, यह अच्छी बात है। लेकिन, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जब हमारे पास पीओके लेने का सुनहरा मौका था, तो उसे क्यों खो दिया गया? अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कहने पर सीजफायर का निर्णय क्यों लिया गया?
पीएम मोदी के आत्मनिर्भरता वाले बयान पर कांग्रेस नेता ने कहा कि देश को आत्मनिर्भर बनना चाहिए, लेकिन सरकार इस दिशा में आवश्यक योजनाएं लागू नहीं कर रही है।
डेमोग्राफी के संदर्भ में उन्होंने कहा कि घुसपैठ करने वालों को बाहर निकालना चाहिए। पीएम मोदी को यह भी ध्यान में रखना चाहिए कि वह 140 करोड़ देशवासियों के पीएम हैं। किसी भी निर्दोष पर अत्याचार नहीं होना चाहिए। वहीं, संघ की तारीफ पर कांग्रेस नेता ने ऐतराज जताते हुए कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए था।
यह ध्यान देने योग्य है कि लालकिले के प्राचीर से पीएम मोदी ने डेमोग्राफी पर कहा, "मैं आज देश को एक चिंता, एक चुनौती के संबंध में आगाह करना चाहता हूं। षड्यंत्र के तहत देश की डेमोग्राफी को बदला जा रहा है, और एक नए संकट का बीज बोया जा रहा है। घुसपैठिए मेरे देश के युवाओं की रोजी-रोटी छीन रहे हैं, यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ये घुसपैठिए भोले-भाले आदिवासियों को बरगला कर उनकी जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं, यह देश सहन नहीं करेगा।"