क्या विपक्ष चाहता है कि देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था मजबूत हो? : दानिश आजाद अंसारी
सारांश
Key Takeaways
- लोकतांत्रिक व्यवस्था की मजबूती जरूरी है।
- विपक्ष का विरोध पारदर्शी चुनाव के खिलाफ हो सकता है।
- राहुल गांधी को अपने विचार स्पष्ट करने की आवश्यकता है।
- वंदे मातरम का महत्व ऐतिहासिक है।
- सरकार के विकास कार्यों की प्रशंसा होनी चाहिए।
बलिया, 9 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। देश के 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में एसआईआर चल रही है। वहीं, कांग्रेस पार्टी सहित सभी विपक्षी दल एसआईआर का विरोध कर रहे हैं। इस पर उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने तीखा पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि विपक्ष नहीं चाहता कि देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूती मिले।
यूपी सरकार के मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि विपक्ष नहीं चाहता कि देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था और उसके ढांचे को मजबूती मिले। विपक्ष नहीं चाहता कि पारदर्शी और निष्पक्ष चुनाव हों। एसआईआर पहली बार नहीं हो रहा है, इससे पहले 2003 में हुआ है। विपक्ष फेयर चुनाव से क्यों घबरा रहा है। विपक्ष को न संविधान पर भरोसा है, न लोकतांत्रिक व्यवस्था पर भरोसा है।
उन्होंने कहा कि सिर्फ राजनीतिक बयान देने से लोगों का भरोसा नहीं जीता जा सकता। कांग्रेस पार्टी ने सिर्फ खोखले वादों पर भरोसा करके जनता का विश्वास खो दिया है। आज, प्रधानमंत्री मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में हमने लोगों के बीच रहकर और उनके लिए काम करके उनका भरोसा जीता है।
दानिश आजाद अंसारी ने कहा कि राहुल गांधी का कोई कॉन्सेप्ट क्लियर नहीं है। वो देश का विकास चाहते हैं या देश में अवरोध चाहते हैं, उन्हें अपना स्टैंड क्लियर करना पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि आज पीएम मोदी के नेतृत्व में देश विकास की ओर अग्रसर है। ऐसे में एक आदर्श विपक्ष की भूमिका निभाते हुए कांग्रेस पार्टी को इसकी प्रशंसा करनी चाहिए और सकारात्मक सुझाव देना चाहिए। लेकिन हर सार्थक चीज का विरोध करना विपक्ष की परिपाटी बन गई है। राहुल गांधी या कांग्रेस पार्टी इस तरह की बातें मात्र राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए कर रही है।
उन्होंने वंदे मातरम पर विपक्ष की टिप्पणी को लेकर कहा कि वंदे मातरम किसी जाति, धर्म या समुदाय का नारा नहीं है। यह हमारे देश की क्रांति का गान था। यह हमारे स्वतंत्रता संग्राम का गान था। इसी नारे को अपनाकर हमारे क्रांतिकारियों और स्वतंत्रता सेनानियों ने ब्रिटिश साम्राज्य को हिला दिया और उसे पीछे हटने पर मजबूर कर दिया। यही वंदे मातरम की प्रतिष्ठा और पहचान थी। देश की अस्मिता से जुड़ी चीजों से कांग्रेस पार्टी और समाजवादी पार्टी समेत पूरे विपक्ष में उदासीनता रही है। वंदे मातरम गीत ने देश के विकास में सकारात्मक भूमिका निभाई है।