क्या वक्फ संशोधन कानून पर शादाब शम्स ने कहा- 'पीएम मोदी ने मुसलमानों में भरोसा जगाया'?

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क्या वक्फ संशोधन कानून पर शादाब शम्स ने कहा- 'पीएम मोदी ने मुसलमानों में भरोसा जगाया'?

सारांश

उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 पर एक दिलचस्प बयान दिया है। उनका कहना है कि पीएम मोदी ने मुसलमानों में विश्वास जगाया है। जानिए उनके विचार और विरोध का असली कारण क्या है।

Key Takeaways

  • वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 गरीब मुसलमानों के अधिकारों की सुरक्षा करेगा।
  • पीएम मोदी ने मुसलमानों के बीच एक नई उम्मीद जगाई है।
  • विरोध करने वालों की पिछली कार्रवाइयों की समीक्षा करनी चाहिए।
  • उत्तराखंड में 2,200-2,300 वक्फ संपत्तियां हैं।
  • वक्फ का सही उपयोग सुनिश्चित करने के लिए प्रबंधन समितियां बनाई गई हैं।

नई दिल्ली, 15 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 को लेकर महत्वपूर्ण टिप्पणी की है। उन्होंने उल्लेख किया कि जो लोग विरोध कर रहे हैं, वे पहले भी ऐसा कर चुके हैं, लेकिन देश की जनता हर बात को समझती है। पीएम मोदी ने मुसलमानों में विश्वास जगाने का काम किया है।

शादाब शम्स ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "पीएम मोदी ने एक नई उम्मीद का संचार किया है कि भारत के गरीब मुसलमानों को उनका हक मिलेगा। पिछले 75 वर्षों में भारत के मुसलमानों को जो अधिकार मिलने चाहिए थे, वह नहीं मिल पाए। इसलिए पीएम मोदी ने इस दिशा में एक उम्मीद जगाई है। मैं मानता हूं कि यदि गरीबों को उनका हक पहले मिल जाता, तो आज के हालात कुछ और होते। वक्फ का दुरुपयोग भी देखा गया है। पीएम मोदी चाहते हैं कि वक्फ की संपत्तियां और धन गरीब मुसलमानों के काम आएं ताकि वे मुख्यधारा में शामिल हो सकें।

उन्होंने वक्फ (संशोधन) अधिनियम का विरोध कर रहे लोगों पर सवाल उठाते हुए कहा, "75 वर्षों में उन लोगों ने क्या किया, यह सबके सामने है। जो लोग इसका विरोध कर रहे हैं, वे पहले भी ऐसा कर चुके हैं और आगे भी करते रहेंगे। लेकिन जनता समझती है कि जब उन्होंने पहले विरोध किया था, तब अदालत ने केवल तीन मुद्दों पर उनकी आपत्ति स्वीकार की, बाकी को खारिज कर दिया। यह दर्शाता है कि उनका पिछला विरोध बेकार था। मैं यह भी कहूंगा कि वे निर्णय आने से पहले ही देश को जलाने की कोशिश कर रहे थे। हमने देखा है कि पश्चिम बंगाल, बिहार और उत्तर प्रदेश में विरोध के नाम पर क्या किया गया। आम मुसलमान इस कानून के खिलाफ नहीं है और जानता है कि आजादी के बाद से वक्फ को लूटने का काम किया गया है।

उन्होंने कहा, "गरीबों के अधिकारों को छीना गया और अमीरों ने उस पर डाका डाला है। जो लोग देश को बांटकर घटिया राजनीति कर रहे हैं, इसका जवाब जनता देगी।"

उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने कहा, "उत्तराखंड में लगभग 2,200-2,300 वक्फ संपत्तियां हैं, जिनमें से लगभग 200 के लिए हमने प्रबंधन समितियां बनाई हैं। उत्तराखंड एक छोटा राज्य है और हमने सभी को अपनी वक्फ संपत्तियों का पंजीकरण कराने का आग्रह करते हुए एक अभियान चलाया था। इस अभियान के तहत, 150 से अधिक प्रबंधन समितियां पहले ही वक्फ में पंजीकरण करा चुकी हैं। जो लोग इसका विरोध कर रहे थे और दावा कर रहे थे कि 'उम्मीद पोर्टल' पर कोई भी पंजीकरण नहीं करेगा, उनके लिए यह एक करारा तमाचा है।

Point of View

मैं मानता हूं कि शादाब शम्स का बयान दर्शाता है कि वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 का उद्देश्य समाज के कमजोर तबकों को सशक्त बनाना है। यह महत्वपूर्ण है कि हम सभी इस विषय पर एक सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाएं और समाज में एकता को बढ़ावा दें।
NationPress
15/09/2025

Frequently Asked Questions

वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 का क्या महत्व है?
यह अधिनियम गरीब मुसलमानों के अधिकारों की रक्षा करने और वक्फ संपत्तियों के सही उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए लाया गया है।
क्या इस अधिनियम का विरोध करना सही है?
हर किसी को अपने विचार व्यक्त करने का अधिकार है, लेकिन यह जरूरी है कि हम इस मुद्दे को समझें और सही जानकारी के आधार पर निर्णय लें।