क्या यमुना जी की कृपा से गंगोत्री से प्रयागराज तक कमल की सरकार बनी? : अमित शाह

सारांश
Key Takeaways
- यमुना जी की कृपा से कमल की सरकार की उपलब्धियां बढ़ी हैं।
- प्रधानमंत्री मोदी ने यमुना की स्वच्छता को प्राथमिकता दी है।
- दिल्ली जल बोर्ड ने 1816 करोड़ रुपए के कार्यों का उद्घाटन किया।
- कांग्रेस और आप सरकार के समय विकास में रुकावट आई।
- 2027 तक कूड़े का पहाड़ खत्म होगा।
नई दिल्ली, 9 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को दिल्ली जल बोर्ड के 1816 करोड़ रुपए के विभिन्न कार्यों का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया। उन्होंने कहा कि यमुना जी की कृपा से दिल्ली, उत्तराखंड और हरियाणा में, यानी गंगोत्री से प्रयागराज तक, कमल की सरकार है।
केंद्रीय गृह मंत्री ने बताया कि आज 11 लोकार्पण और 8 शिलान्यास हुए। प्रधानमंत्री मोदी ने 24 साल का कार्यकाल पूरा किया है। चाहे वो गुजरात के मुख्यमंत्री रहे हों या प्रधानमंत्री के रूप में, उन्होंने देश में सुशासन का आदान-प्रदान किया है। देश की सुरक्षा, अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाना और हर क्षेत्र में देश को शीर्ष पर लाना उनकी प्राथमिकता रही है। आज के कार्यक्रम का 80 प्रतिशत कार्य यमुना को निर्मल बनाने पर केंद्रित है।
उन्होंने कहा कि जब दिल्ली सरकार बनी थी, तब पीएम मोदी ने कहा था कि यमुना नदी की सफाई प्राथमिकता है। उन्होंने भ्रष्टाचार कम करने की बात भी की, जिससे उसी पैसे से यमुना का शुद्धीकरण हो सकता है। यमुना जी की कृपा से गंगोत्री से प्रयागराज तक कमल के फूल की सरकार है, जिससे यमुना के स्वच्छ होने का रास्ता साफ है।
अमित शाह ने कहा कि यमुना शुद्धि का पीएम नरेंद्र मोदी का संकल्प राजनीतिक नहीं है, बल्कि उस पवित्र स्थान का सम्मान करना है, जहां यमुना विराजती है। कांग्रेस और आप पार्टी ने 15 और 11 साल तक दिल्ली को विकास से वंचित रखा। 5 साल में भाजपा सरकार में दिल्ली को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने का हमारा लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने कई घोटाले किए हैं, जिससे दिल्लीवासियों को केवल घोटालों का सामना करना पड़ा। मोहल्ला क्लिनिक में आवश्यक सुविधाएं भी नहीं थीं। ऐसे मोहल्ला क्लिनिक में किसी का इलाज कैसे संभव है?
उन्होंने आगे कहा कि मनमोहन सिंह की सरकार में दो लाख की आय पर इनकम टैक्स देना पड़ता था, लेकिन अब मोदी की सरकार में 12 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं है। मोदी के रहते यह परिवर्तन संभव हो पाया है। पहले दिल्ली में आपदा की सरकार थी, जिससे कूड़े का पहाड़ बढ़ता गया, लेकिन 2027 तक कूड़े का पहाड़ खत्म होगा और वहां गार्डन बनेगा। दिल्लीवासियों को केजरीवाल की वजह से आयुष्मान योजना का लाभ नहीं मिला।