क्या युवा हर दिन सिर्फ एक घंटा देश के लिए सोच सकते हैं? : मुकुंद पुरोहित

सारांश
Key Takeaways
- युवाओं को हर दिन एक घंटा देश की भलाई के लिए विचार करने की प्रेरणा दी गई है।
- प्रधानमंत्री मोदी का लक्ष्य 2047 तक एक विकसित भारत बनाना है।
- हर नागरिक का सपना देखना और उसे साकार करना महत्वपूर्ण है।
- भारत ने पिछले दशक में जीडीपी को दोगुना किया है।
- युवाओं की सक्रियता भारत के विकास में महत्वपूर्ण होगी।
नई दिल्ली, 17 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लक्ष्य है कि 2047 तक भारत को एक 'विकसित भारत' बनाया जाए। इस संदर्भ में इंडो-कनाडाई उद्यमी मुकुंद पुरोहित ने अपने अनुभव साझा किए हैं।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर 'मोदी स्टोरी' नामक अकाउंट द्वारा एक वीडियो साझा किया गया है, जिसमें मुकुंद पुरोहित यह बताते हैं कि कैसे प्रधानमंत्री मोदी का विजन पूरा होगा और युवाओं को इस दिशा में क्या करना चाहिए।
मुकुंद पुरोहित ने कहा कि कल्पना करें कि 25 करोड़ युवा हर दिन सिर्फ एक घंटा देश के लिए विचारों में लगाएं, यही प्रधानमंत्री मोदी के विकसित भारत का सपना है, जहां हर विचार परिवर्तन की दिशा में एक कदम होगा।
उन्होंने कहा कि चाहे वाइब्रेंट गुजरात हो या युवा कार्यक्रम, वे हमेशा यही कहते थे कि अगर देश का हर नागरिक दिन में एक सपना देखे, तो एक साल में कितने विचार उभरेंगे। यदि युवा एक घंटा देश को दें, तो हमें किसी प्रशासन पर भरोसा करने की आवश्यकता नहीं होगी।
हाल ही में, प्रधानमंत्री मोदी ने एक समिट में कहा था कि आज दुनिया की नजर भारत पर है और हर कोई यह जानने के लिए उत्सुक है कि भारत कैसे कुछ वर्षों में अपनी अर्थव्यवस्था में वृद्धि कर सका। भारत ने पिछले दशक में अपनी जीडीपी को दोगुना किया है, जिससे 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए और नए मध्यम वर्ग का हिस्सा बने।
उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि 2047 तक भारत का विकसित राष्ट्र बनने का सपना साकार होगा, और आने वाले समय में युवा देश की सबसे बड़ी ताकत बनेंगे, जो 2047 तक भारत के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।