क्या युवाओं को जंगलराज के बारे में जानना जरूरी है? : रवि किशन
सारांश
Key Takeaways
- बिहार में जंगलराज का अतीत
- समाज में बदलाव की आवश्यकता
- युवाओं को जागरूक करना आवश्यक है
- सुशासन के लिए प्रयास जारी रहना चाहिए
- महागठबंधन की राजनीति पर सवाल उठाए गए हैं
पटना, 24 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा सांसद रवि किशन ने बिहार की जनता से निवेदन किया है कि वे अपने बच्चों को जंगलराज के बारे में जानकारी दें कि कैसे उस समय लोगों पर अत्याचार होते थे और कैसे शाम का समय आते ही लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकल पाते थे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में सुशासन का प्रकाश फैलाया है।
रवि किशन ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि बिहार की जनता ने तय कर लिया है कि एक बार फिर से एनडीए की सरकार बनानी है।
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समस्तीपुर में ‘रफ्तार पकड़ चुका बिहार, फिर से एनडीए सरकार’ के नारे के साथ चुनावी अभियान की शुरुआत की। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने महागठबंधन पर निशाना साधा।
उन्होंने कहा कि जंगल राज के नेताओं ने केवल अपने परिवार के सदस्यों का भविष्य बनाया, लेकिन बिहार के युवाओं का भविष्य बर्बाद कर दिया।
पीएम मोदी के बयान का समर्थन करते हुए रवि किशन ने कहा कि हम सभी माता-पिता से अनुरोध करते हैं कि वे अपने बच्चों को बताएं कि 20 साल पहले बिहार कैसा था। यह जानना बहुत आवश्यक है। हमने जंगल राज का वह दौर देखा है और आज का बदला हुआ बिहार भी देख रहे हैं। आज जहां हम खड़े हैं, वहां का एयरपोर्ट ऐसा लगता है जैसे लंदन में हो।
उन्होंने कहा कि 14 नवंबर को बिहार एक विराट रूप लेगा। मां जानकी के भव्य मंदिर के निर्माण के साथ बिहार रामराज की ओर बढ़ रहा है।
भाजपा सांसद ने कहा कि महागठबंधन के नेता वंशवादी हैं, उन्हें सब कुछ केवल अपने परिवार के लिए चाहिए। बिहार अब बदल चुका है और रामराज चाहता है। बिहार में युवाओं को रोजगार मिलेगा, महिलाओं को रोजगार चलाने के लिए आर्थिक सहायता मिलेगी। बिहार में हम भोजपुरी फिल्म उद्योग स्थापित करेंगे।
भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने भी कहा कि महागठबंधन बिहार पर ध्यान नहीं देता, वे केवल अपना लाभ देखते हैं। यही कारण है कि उनके बीच एकता नहीं है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी कहां हैं? क्या वे तेजस्वी यादव को महागठबंधन के सीएम चेहरे के रूप में हरी झंडी दे रहे हैं? तेजस्वी यादव भी राहुल गांधी को नहीं मान रहे। मुकेश सहनी ने तो पहले ही महागठबंधन को बीमारू गठबंधन कह चुके हैं। जो लोग शहाबुद्दीन की जय बोलते हैं, वे बिहार के साथ क्या न्याय करेंगे?