क्या लक्षद्वीप के विकास में 500 करोड़ का निवेश ब्लू इकोनॉमी को समृद्ध करेगा?

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क्या लक्षद्वीप के विकास में 500 करोड़ का निवेश ब्लू इकोनॉमी को समृद्ध करेगा?

सारांश

लक्षद्वीप में हाल ही में आयोजित निवेशकों की बैठक में 500 करोड़ रुपए के प्रस्ताव आए हैं, जो समुद्री संसाधनों के विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं। यह बैठक भारत की ब्लू इकोनॉमी को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

Key Takeaways

  • लक्षद्वीप में 500 करोड़ रुपए का निवेश
  • ब्लू इकोनॉमी की संभावनाएं
  • सिंगल-विंडो सिस्टम का विकास
  • समुद्री शैवाल की खेती
  • टूना मछली पकड़ने के अवसर

नई दिल्ली, 14 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। हाल ही में लक्षद्वीप में एक महत्वपूर्ण निवेशकों की बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें 500 करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्रस्तुत किए गए हैं। ये निवेश टूना और गहरे समुद्र की मछली पकड़ने, समुद्री शैवाल की खेती, सजावटी मछलियां और कचरा प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में किए जाएंगे।

लक्षद्वीप में निवेश की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए एक सिंगल-विंडो सिस्टम विकसित किया जा रहा है, जिससे परियोजनाओं को त्वरित मंजूरी मिल सके।

इस बैठक में 22 निवेशक और प्रमुख उद्यमी शामिल हुए, जिसका मुख्य उद्देश्य लक्षद्वीप की ब्लू इकोनॉमी की विशाल संभावनाओं को उजागर करना था। यह पहली बार है कि केंद्र सरकार के मत्स्य पालन विभाग द्वारा यह बैठक शनिवार को लक्षद्वीप के बंगारम द्वीप में आयोजित की गई। बैठक में मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह और राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन भी उपस्थित थे।

मत्स्य पालन विभाग ने निवेश के अवसरों पर चर्चा की, जिसमें टूना मछली पकड़ने, समुद्र तटीय शैवाल की खेती, हैचरी, ब्रीड बैंक, इंटीग्रेटेड यूनिट्स, और ऑफशोर केज फार्मिंग शामिल हैं।

लक्षद्वीप का विशाल क्षेत्र, जिसमें भारत का लगभग 20 प्रतिशत आर्थिक क्षेत्र शामिल है, इसे टूना और गहरे समुद्र की मछली पकड़ने के लिए आदर्श स्थान बनाता है। वर्तमान में लक्षद्वीप से 15,000 टन मछली का उत्पादन होता है, जबकि इसकी वास्तविक उत्पादन क्षमता लगभग 1 लाख टन है।

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि मॉडर्न वैल्यू चेन का विकास किया जाए, जिसमें मछली पकड़ने, प्रमाणन, ब्रांडिंग और निर्यात शामिल हों, तो लक्षद्वीप टूना को अंतरराष्ट्रीय बाजारों में एक मजबूत पहचान मिल सकती है।

इसके अतिरिक्त, लक्षद्वीप का 4,200 वर्ग किलोमीटर से अधिक का जलक्षेत्र शैवाल की खेती के लिए आदर्श है। विश्व स्तर पर समुद्री शैवाल के उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ रही है और इस क्षेत्र में कृषि प्रणालियां, नर्सरी, बायोमास प्रसंस्करण और बायोप्रोडक्ट निर्माण के लिए बड़े निवेश के अवसर उपलब्ध हैं।

लक्षद्वीप में 300 से अधिक समुद्री मछलियों की प्रजातियां पाई जाती हैं, जो सजावटी मछली व्यापार के लिए उपयुक्त हैं। इन प्रजातियों की सुरक्षा और निर्यात बढ़ाने के लिए हैचरी, ब्रूडस्टॉक डेवलपमेंट और इंटीग्रेटेड रियरिंग यूनिट्स की स्थापना की जा सकती है।

इसके अलावा, लक्षद्वीप में ऑफशोर केज फार्मिंग का भी बड़ा अवसर है और इसका विशाल आर्थिक क्षेत्र इसे सतत समुद्री कृषि के लिए एक आदर्श स्थल बनाता है। देश के अन्य हिस्सों जैसे ओडिशा में सफल पायलट परियोजनाओं ने इसे संभव बना दिया है।

Point of View

यह महत्वपूर्ण है कि हम लक्षद्वीप के विकास और उसके समुद्री संसाधनों की संभावनाओं पर ध्यान दें। यह न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को सशक्त करेगा, बल्कि देश की ब्लू इकोनॉमी में भी योगदान देगा।
NationPress
14/12/2025

Frequently Asked Questions

लक्षद्वीप में निवेश के क्या अवसर हैं?
लक्षद्वीप में टूना मछली पकड़ने, समुद्री शैवाल की खेती, और सजावटी मछलियों के व्यापार में बड़े निवेश के अवसर हैं।
500 करोड़ का निवेश किस क्षेत्र में किया जाएगा?
यह निवेश मुख्य रूप से टूना और गहरे समुद्र की मछली पकड़ने, समुद्री शैवाल की खेती, और कचरा प्रबंधन में किया जाएगा।
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