क्या लालू यादव के 'पिंडदान' वाले पोस्ट ने सियासी घमासान मचाया?

सारांश
Key Takeaways
- बिहार में सियासी घमासान
- लालू यादव का विवादित बयान
- एनडीए नेताओं की तीखी प्रतिक्रिया
- विकास पर जोर, जातिवाद से दूरी
गयाजी, 22 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को बिहार के गयाजी का दौरा किया। इस दौरान राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के एक विवादित पोस्ट ने सियासी हलचल मचा दी। लालू यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "प्रधानमंत्री गयाजी आए हैं जदयू की पिंडदान करने।"
लालू यादव के इस बयान पर एनडीए नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा, "लालू यादव ऐसी भाषा के लिए जाने जाते हैं। 15 साल तक उन्होंने बिहार में जंगल राज कायम रखा। उस समय लोग कम पढ़े-लिखे थे, लेकिन अब जनता जागरूक हो गई है। अब ऐसे बयानों से कोई भ्रमित नहीं होता। आज बिहार में डबल इंजन की सरकार है, जो विकास कर रही है और जनता अब एनडीए के साथ है।"
मांझी ने आगे कहा, "हम इमामगंज के विधायक रहे हैं। पहले डुमरिया जैसे इलाकों में शाम 3 बजे के बाद कोई नहीं जाता था, लेकिन आज वहां विकास पहुंचा है। जनता अब समझ चुकी है कि परिवारवाद और जातिवाद नहीं, विकास ही असली राजनीति है।"
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने भी लालू यादव की टिप्पणी की निंदा की और कहा, "यह कैसी भाषा है? विपक्ष अगर सवाल उठाना चाहता है, तो नीतियों पर सवाल उठाए। लेकिन ‘पिंडदान’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल मुख्यमंत्री के लिए करना गलत है। मैं इसकी निंदा करता हूं।"
उन्होंने कहा, "लालू यादव और उनकी पार्टी जातिवाद, क्षेत्रवाद और संप्रदायिकता की राजनीति करती हैं, जबकि एनडीए की सरकार सबका साथ, सबका विकास के सिद्धांत पर काम कर रही है। जिन लोगों ने समाज को बांटने की राजनीति की है, उन्होंने ही बिहार और देश को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया है।"
केंद्रीय मंत्री मांझी ने बताया कि पीएम मोदी ने आज बोधगया में करीब 13,000 करोड़ रुपए की लागत वाली विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया, जिनमें गया-दिल्ली अमृत भारत एक्सप्रेस और वैशाली-गया-कोडरमा बौद्ध सर्किट एक्सप्रेस शामिल हैं।
चिराग पासवान ने कहा, "यह प्रधानमंत्री की बिहार के प्रति प्रतिबद्धता का प्रमाण है। बीते एक साल में यह उनका नौवां बिहार दौरा है। उनका सपना है 'विकसित बिहार,' और वह लगातार इसी दिशा में काम कर रहे हैं।"
राष्ट्र प्रेस
वीकेयू/डीएससी