क्या महाराष्ट्र के लातूर में बाढ़ प्रभावित किसानों को मुआवजा मिलेगा? सीएम फडणवीस का महत्वपूर्ण ऐलान

Key Takeaways
- लातूर में भारी बारिश और बाढ़ ने फसलों को नुकसान पहुँचाया है।
- मुख्यमंत्री ने किसानों को तत्काल राहत देने का आश्वासन दिया।
- सरकार ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में योजनाओं को लागू करने का निर्णय लिया है।
- बाढ़ से प्रभावित लोगों के लिए एकजुटता की आवश्यकता है।
- शिवसेना सांसद ने केंद्र सरकार से राहत पैकेज की मांग की है।
लातूर, २४ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में हुई मूसलाधार बारिश और बाढ़ ने जनजीवन को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। लातूर, बीड, नांदेड़ और अन्य जिलों में हजारों हेक्टेयर फसलें बर्बाद हो चुकी हैं और सैकड़ों गांव जलमग्न हैं। इस कठिनाई के बीच मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को लातूर जिले के निलंगा तालुका के औरद शाहजानी गांव का दौरा किया।
सीएम देवेंद्र फडणवीस ने लातूर दौरे के दौरान बारिश से प्रभावित क्षेत्रों का मुआयना किया और किसानों से सीधा संवाद किया ताकि उनकी समस्या को समझ सकें। उनके साथ मंत्री शिवेंद्र सिंह राजे भोंसले, विधायक संभाजी पाटिल निलंगेकर और अन्य अधिकारी मौजूद थे। फडणवीस ने किसानों की पीड़ा को देखते हुए तत्काल राहत का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा, "सभी शर्तें और निकष दरकिनार कर लातूर जिले के किसानों को सरसकट मदद दी जाएगी। हम घोषित राहत से परे अतिरिक्त आर्थिक सहायता भी प्रदान करेंगे।"
सीएम का यह ऐलान औसा विधानसभा क्षेत्र के दौरे के बाद किया गया, जहां फसलें पूरी तरह तबाह हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि टंचाई और सूखे के दौरान लागू होने वाली सभी सरकारी योजनाएँ लातूर में तुरंत लागू की जाएँगी, ताकि बाढ़ से प्रभावित किसानों को शीघ्र राहत मिल सके। इस घोषणा से औसा और लातूर के किसानों में उम्मीद की नई किरण जगी है।
शिवसेना (यूबीटी) सांसद ओमराजे निंबालकर ने केंद्र और राज्य सरकार से तत्काल राहत पैकेज की मांग की, जिसमें बैंक खातों में सीधे मुआवजा जमा किया जाए। उन्होंने कहा, "यदि पंजाब अपने किसानों को ५० हजार रुपए की सीधी सहायता दे सकता है, तो महाराष्ट्र क्यों पीछे रहे?" "मैं बाद में सांसद हूं, सबसे पहले इंसान हूं। इंसानियत का फ़र्ज़ है कि विपदा में लोगों की मदद की जाए।"
मराठवाड़ा में पिछले एक हफ्ते से लगातार हो रही बारिश ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। नदियाँ उफान पर हैं, बाँधों का जलस्तर खतरे के दहाने पर पहुँच गया है, और एनडीआरएफ व सेना के जवान बचाव कार्य में जुटे हैं। लातूर में ही सैकड़ों मवेशी बह गए हैं, जबकि नांदेड़ में पाँच लोग लापता हैं, जिनमें से तीन की मौत हो चुकी है। कुल २० लाख हेक्टेयर से अधिक फसलें प्रभावित हुई हैं, जिनमें सोयाबीन, कपास और धान मुख्य हैं।
—राष्ट्र प्रेस
एससीएच