क्या लेबनान-इजरायल सीजफायर के लिए कूटनीतिक प्रयास आवश्यक हैं?

सारांश
Key Takeaways
- लेबनान की संप्रभुता और शांति प्रक्रिया में अमेरिका की भूमिका महत्वपूर्ण है।
- सीजफायर समझौता सफल नहीं हो पाया है।
- हिजबुल्लाह का निरस्त्रीकरण एक आंतरिक मामला है।
- अमेरिका संघर्ष का शांतिपूर्ण समाधान निकालने के लिए प्रयासरत है।
- लेबनान की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर संप्रभुता बनाए रखना आवश्यक है।
बेरूत, 22 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। अमेरिकी विशेष दूत थॉमस बैरक ने लेबनान की संप्रभुता और शांति प्रक्रिया को बनाए रखने में वॉशिंगटन के योगदान का उल्लेख किया। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अमेरिका इजरायल को किसी भी मामले में मजबूर नहीं कर सकता।
थॉमस बैरक ने लेबनानी प्रधानमंत्री नवाफ सलाम से मुलाकात के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “यह अमेरिका की जिम्मेदारी नहीं है कि वह इजरायल को बाध्य करे।”
'सिन्हुआ समाचार एजेंसी' के अनुसार, थॉमस बैरक तुर्किये में अमेरिका के राजदूत और सीरिया के लिए विशेष दूत का कार्य भी कर रहे हैं। उन्होंने रविवार को बेरूत पहुंचकर यह यात्रा की, जो जून के बाद से उनकी तीसरी यात्रा है। इस दौरान उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों, राजनेताओं और धार्मिक नेताओं से चर्चा की।
बैरक ने कहा कि हालाँकि लेबनान और इजरायल के बीच सीजफायर समझौता लागू हो गया है, लेकिन यह सफल नहीं हो सका। उन्होंने इसकी विफलता की कुछ वजहें बताई और कहा कि उन्हें दूर करने के लिए सामूहिक प्रयास आवश्यक हैं।
उनका कहना है कि अमेरिका अपने कूटनीतिक प्रयासों के माध्यम से इस संघर्ष का शांतिपूर्ण समाधान निकालने की दिशा में काम कर रहा है।
अमेरिकी दूत ने यह भी कहा कि हिजबुल्लाह का निरस्त्रीकरण 'एक आंतरिक मामला' है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि वॉशिंगटन इस दिशा में समर्थन देने के लिए लेबनानी सरकार के साथ सहयोग के लिए तैयार है।
सोमवार को लेबनान के राष्ट्रपति जोसेफ औन ने अमेरिकी राजदूत थॉमस बैरक को एक मसौदा ज्ञापन दिया, जिसमें 27 नवंबर 2024 से इजरायल के साथ लागू हुए युद्धविराम के बाद लेबनान की प्रतिबद्धताओं का विवरण है।
लेबनानी राष्ट्रपति कार्यालय के अनुसार, ज्ञापन में लेबनान का यह संकल्प दोहराया गया है कि वह अपने सम्पूर्ण भू-भाग पर राज्य की पूर्ण संप्रभुता को अपने सशस्त्र बलों के माध्यम से लागू करेगा। हथियारों का स्वामित्व केवल लेबनानी सेना तक सीमित रहेगा, और युद्ध व शांति से संबंधित सभी फैसले लेबनान की संवैधानिक संस्थाओं के अधिकार क्षेत्र में रहेंगे।
यह प्रक्रिया लेबनान की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर संप्रभुता बनाए रखने, पुनर्निर्माण कार्यों की शुरुआत करने और आर्थिक पुनर्प्राप्ति को आगे बढ़ाने के साथ-साथ समानांतर रूप से चलेगी।
हालांकि, अमेरिका और फ्रांस की मध्यस्थता में हुआ युद्धविराम समझौता इजरायल की दक्षिणी लेबनान से पूर्ण वापसी की अपील करता है, फिर भी इजरायली सेना ने समय-समय पर लेबनान में हमले किए हैं। इजरायल का कहना है कि ये हमले हिजबुल्लाह के खतरों को समाप्त करने के लिए किए गए हैं।
18 फरवरी तक पूरी वापसी की समय-सीमा के बावजूद, इजरायल ने लेबनानी सीमा क्षेत्र में पांच प्रमुख ठिकानों पर अपनी सैन्य उपस्थिति बनाए रखी है।