क्या लखनऊ में दलित बुजुर्ग के साथ हुई अमानवीय घटना निंदनीय है?

सारांश
Key Takeaways
- शिवपाल यादव ने दलित बुजुर्ग के साथ हुई घटना को निंदनीय बताया।
- भाजपा और आरएसएस पर गंभीर आरोप लगाए गए।
- छठ पर्व के दौरान रेलवे की स्थिति पर चिंता जताई गई।
- सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए गए।
- समाज में सौहार्द का वातावरण बनाने की आवश्यकता पर बल दिया गया।
वाराणसी, 22 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी के प्रमुख नेता शिवपाल यादव ने वाराणसी में प्रदेश एवं केंद्र सरकारों की नीतियों पर हमला बोला। लखनऊ में एक दलित बुजुर्ग के साथ हुई अमानवीय घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि यह एक निंदनीय और अक्षम्य कृत्य है। शिवपाल यादव ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और आरएसएस के लोग यही असली चेहरे हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा और आरएसएस देश और समाज के लिए किसी भी रूप में लाभदायक नहीं हैं। उन्होंने मांग की कि इस घटना में शामिल दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और जनता से अपील की कि वे भाजपा और आरएसएस को सत्ता से हटाने में सहयोग करें।
छठ पर्व के दौरान रेलवे स्टेशनों पर भारी भीड़ को लेकर भी उन्होंने सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि सरकार हर साल दावा करती है कि छठ पर्व पर विशेष ट्रेनें चलाई जाती हैं, लेकिन वास्तविकता यह है कि यह सब केवल दिखावा है। भाजपा केवल प्रचार और झूठे वादों पर निर्भर है, जबकि जनता को किसी भी प्रकार की सुविधा नहीं मिल रही।
बसपा सुप्रीमो मायावती द्वारा प्रदेश सरकार की तारीफ करने पर शिवपाल यादव ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में दलितों, किसानों और युवाओं का उत्पीड़न बढ़ रहा है। रोजगार के अवसर नहीं बढ़ रहे हैं और सरकार हर मोर्चे पर विफल साबित हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि मायावती अब भाजपा से मिली हुई हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा अखिलेश यादव को 'श्रीराम विरोधी' कहे जाने पर शिवपाल यादव ने पलटवार किया। उन्होंने कहा, “ये लोग केवल राम के नाम पर राजनीति करते हैं, जबकि भगवान श्रीराम के आदर्शों का पालन करने की उनमें कोई नीयत नहीं है।”
अखिलेश यादव द्वारा दीपोत्सव और क्रिसमस के संबंध में दिए गए बयान पर शिवपाल यादव ने कहा कि हर व्यक्ति को अपने धर्म का पालन करने का अधिकार है। नेताओं को ऐसे कार्य करने चाहिए जो समाज में अच्छा संदेश दें।
उन्होंने अयोध्या का उल्लेख करते हुए कहा कि सबसे पहले अयोध्या में दीप जलाने की परंपरा समाजवादी सरकार ने शुरू की थी। भाजपा केवल श्रेय लेने में लगी है।