क्या लखनऊ में 14 वर्षीय छात्र की आत्महत्या का जिम्मेदार एक साइबर क्रिमिनल है?

सारांश
Key Takeaways
- ऑनलाइन गेमिंग में सावधानी बरतें।
- बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों पर नजर रखें।
- साइबर अपराध की घटनाओं से सतर्क रहें।
- धोखाधड़ी से बचने के लिए सुरक्षा उपाय अपनाएं।
- साइबर ठगी के मामलों में पुलिस को सूचित करें।
जमशेदपुर, 1 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। ऑनलाइन गेमिंग में लगभग 14 लाख रुपये खोने के बाद, लखनऊ में एक 14 वर्षीय छात्र द्वारा आत्महत्या करने के मामले में, पुलिस ने झारखंड के घाटशिला से एक साइबर अपराधी सनत गोराई को गिरफ्तार किया है।
उत्तर प्रदेश की पुलिस की एक टीम, जो लखनऊ से जमशेदपुर आई थी, ने झारखंड पुलिस की सहायता से घाटशिला मुस्लिम बस्ती में छापेमारी करके उसे पकड़ लिया। इस मामले में एक अन्य आरोपी को बिहार से गिरफ्तार किया गया है। लखनऊ के मोहनलालगंज क्षेत्र में कक्षा छह के छात्र यश यादव ने 15 सितंबर को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी।
पुलिस की जांच में यह पता चला है कि यश पिछले दो महीनों से आरोपी से संपर्क में था। दोनों के बीच बातचीत ऑनलाइन गेम ‘फ्री फायर मैक्स’ खेलते समय शुरू हुई थी। अधिकारियों ने बताया कि आरोपी ने गेमिंग आईडी बेचने के बहाने यश से पैसे लिए, लेकिन आईडी नहीं दी। जब छात्र ने पैसे वापस करने की मांग की, तो उसे धमकाया गया। इसी मानसिक दबाव के चलते उसने आत्महत्या कर ली।
पुलिस ने आरोपियों से 4.71 लाख रुपये नकद, ठगी के पैसों से खरीदा गया एक एप्पल लैपटॉप, एसी और अन्य सामान बरामद किया है। साथ ही 1.5 लाख रुपये के लेन-देन को विभिन्न ई-वॉलेट में फ्रीज किया गया है। जांच में यह भी सामने आया है कि यश 2018 से मोबाइल और ऑनलाइन गेम खेल रहा था और उसके स्मार्टफोन से सीधे उसके पिता के बैंक खाते से लेन-देन हो रहा था।
पैतृक संपत्ति की बिक्री से मिली रकम का अधिकांश हिस्सा इस साइबर ठगी में चला गया। उत्तर प्रदेश पुलिस ने मुख्य आरोपी सनत गोराई को लखनऊ लाया है, जहां उससे पूछताछ की जा रही है। पुलिस का कहना है कि इस मामले की गहन जांच जारी है और ऑनलाइन जुए व गेमिंग नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की पहचान की जा रही है।